इस बार संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में परमाणु ऊर्जा के स्थायी उपयोग और उन्नति शांति विधेयक, 2025 को पारित किया गया है। अब इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। यह विधेयक भारत के परमाणु कानूनी ढांचे को मजबूत और आधुनिक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
यह विधेयक नियामक निगरानी में परमाणु क्षेत्र में सीमित निजी भागीदारी को सक्षम बनाता है। यह परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड को वैधानिक मान्यता देता है। साथ ही भारत के स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन और 2047 तक सौ गीगावाट परमाणु ऊर्जा क्षमता हासिल करने के दीर्घकालिक उद्देश्य का समर्थन करता है।
इस विधेयक का लक्ष्य 2033 तक कम से कम पांच स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए SMRs को चालू करना है, जिससे भारत के स्वच्छ ऊर्जा रोडमैप को मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही हाइड्रोजन उत्पादन के लिए 5 मेगावाट थर्मल तक उच्च तापमान गैस-कूल्ड रिएक्टर का संचालन और स्थायी ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए भारत को उन्नत परमाणु प्रौद्योगिकियों में एक नेता के रूप में स्थापित करना है।




