बाई पास पर टोल वसूली बंद हो, बंद हो ……….

बाई पास पर टोल वसूली में जो गड़बड़ी हो रही है उसका खुलासा मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में लगाए गए एक सवाल से हुआ है। यह सवाल कांग्रेस के विधायक प्रताप ग्रेवाल ने लगाया। इसका जवाब लोक निर्माण विभाग के मंत्री राकेश सिंह ने दिया । 

जवाब से असंतुष्ट विधायक श्री ग्रेवाल का आरोप है कि मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में बाईपास पर सरकार ने 270 अवैध टोल वसूली की है जो कि लगभग 200 करोड़ है। 

यह वसूली लगातार जारी है। श्री ग्रेवाल का कहना है कि इसको तत्काल बंद किया जाए। यह वसूली इंडियन टोल एक्ट के अनुसार नहीं हो रही है। ऐसा करना इंडियन टोल एक्स के नियमों का उल्लघंन है। 

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विधायक श्री ग्रेवाल के अनुसार भोपाल बाईपास पर दिसंबर 2019 से सरकार द्वारा अक्टूबर 2025 तक 270.29 करोड़ अवैध टोल वसूला गया ।‌ 

वे सवाल करते हैं कि ” सरकार ने जब उस बाइपास के निर्माण में 1 रुपया भी नहीं लगाया तो फिर वह किस नियम से टोल वसूल रही है? यह टोल वसूली तत्काल बंद कर देना चाहिए।

  विधायक श्री ग्रेवाल ने कहा कि 6 साल तक लगातार टोल वसूलने के बाद भी सरकार ने 52 किलोमीटर लंबे बाईपास के रखरखाव का कोई कार्य नहीं किया । उसका परिणाम है कि ब्रिज धस गया । इससे जाहिर है कि सरकार का ध्यान सड़कों के बेहतर रखरखाव से ज्यादा वसूली करने पर है। 

विधायक के प्रश्न पर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि नेशनल हाईवे 12 पर 52 किलोमीटर लंबा बाईपास ट्रांसट्राई भोपाल बाईपास टोल लिमिटेड द्वारा 242 करोड़ में बनाया गया था। 

निवेशक द्वारा स्क्रू अकाउंट में गड़बड़ी कर , प्रतिदिन टोल कलेक्शन 10.5 लाख बताने की जगह बहुत ही कम राशि दिखाई । इस पर सरकार ने 11 दिसंबर 2019 को टोल कलेक्शन निरस्त कर दिया।

इसके बाद दिनांक 12 दिसंबर 2019 से शासन द्वारा टोल वसूली प्रारंभ कर दी गई। निवेशक ने 26 मार्च 2013 से 11 दिसंबर 2019 तक 150 करोड़ का टोल वसूला।

 स्क्रू अकाउंट में गड़बड़ी पर सरकार के नोटिस का निवेशक द्वारा उत्तर नहीं देने पर 17 जुलाई 2020 को अनुबंध निरस्त कर दिया गया और 22 फर 2021 को कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया।

दिनांक 12/12/2019 से शासन द्वारा टोल वसूलने पर विधायक श्री ग्रेवाल ने आश्चर्य व्यक्त किया है । उन्होंने कहा कि जब राशि 242 करोड़ निवेशक द्वारा लगाई गई , टोल कलेक्शन निरस्त किया गया तो फिर सरकार को उस पर टोल वसूली का कोई अधिकार नहीं है । शासन स्तर पर जब एक भी रुपया नहीं लगाया गया तो शासन का टोल वसूलना कानूनी रूप से और इंडियन टोल एक्ट के अनुसार अवैध है । टोल राज्य का शुल्क है और वह बेनामी तरीके से वसूल नहीं किया जा ‌सकता ।

श्री ग्रेवाल ने कहा कि शासन भोपाल बाईपास पर तत्काल टोल वसूली बंद करे।

Mr Paras Saklecha

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश की सड़कों के राष्ट्रीय और राजमार्ग पर लगने वाले टोल टैक्स को लेकर शिक्षाविद् और पूर्व विधायक पारस सकलेचा भी सदन से सड़क तक सवाल उठा चुके हैं। जनहित की लड़ाई अब अदालत में चल रही है।

– अमिताभ पाण्डेय

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