नगर निगम ऊना में आज (वीरवार) को ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 के अंतर्गत शहरी विकास निदेशालय, हिमाचल प्रदेश और स्वच्छता नॉलेज पार्टनर संस्था हिमालयन इंस्टीट्यूट फॉर एनवायरनमेंट, इकोलॉजी एंड डेवलपमेंट (हाइफीड) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई।
इस प्रशिक्षण कार्यशाला में नगर निगम ऊना के साथ-साथ नगर पंचायत अम्ब, गगरेट, दौलतपुर, संतोषगढ़, टाहलीवाल तथा मेहतपुर से नगर पंचायतों के अधिकारी, सफाई निरीक्षक, सफाई पर्यवेक्षक, स्कूल शिक्षक, व्यापार संगठनों के प्रतिनिधि एवं स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के सदस्यों ने सक्रिय सहभागिता निभाई।
कार्यशाला का शुभारंभ संयुक्त आयुक्त नगर निगम ऊना मनोज कुमार एवं जिला समन्वयक मुनीश जस्सल द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने शहरों को कचरा मुक्त बनाने में जनभागीदारी की महत्ता पर बल देते हुए स्वच्छता को एक व्यापक जनआन्दोलन के रूप में अपनाने का आह्वान किया।
कार्यशाला के दौरान कचरा मुक्त शहरों के निर्माण हेतु ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी गई। प्रशिक्षण सत्र में स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 के लक्ष्य एवं उद्देश्यों, घरेलू एवं बल्क वेस्ट जनरेटर, कचरे के वर्गीकरण, स्रोत पर कचरा पृथक्करण, स्वच्छ सर्वेक्षण, कचरा प्रबंधन की प्रभावी रणनीतियों एवं सर्वोत्तम प्रथाओं, व्यवहार परिवर्तन, तथा मिशन की संस्थागत संरचना पर प्रकाश डाला गया।
इसके अतिरिक्त ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के प्रमुख प्रावधानों पर भी विस्तृत चर्चा की गई, जिससे प्रतिभागियों को नियमों के व्यवहारिक क्रियान्वयन की बेहतर समझ प्राप्त हो सके। इस अवसर पर हाइफीड संस्था की ओर से विषय विशेषज्ञ ज्ञान प्रकाश मिश्रा, प्रकाश दत्त भाटिया, अनिल पैन्यूली और सुभाष शर्मा उपस्थित रहे।


