भोपाल।
मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में इन दिनों बड़े पैमाने पर जंगल काटकर जीव-जंतु, जैव विविधता को भारी नुक़सान पहुंचाया जा रहा है। स्थानीय समुदाय के लोग इसका लगातार विरोध कर रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन जंगल काटने वालों के साथ है। जंगल काटने का विरोध करने वालों पर पुलिस – प्रशासन की कार्यवाही हो रही है।
मशीनें दिन रात जहां जंगल काट रही है वहां तक लोगों को पहुंचने नहीं दे रहे हैं। पुलिस के संरक्षण में मशीनों से बड़े बड़े, बरसों पुराने पेड़ काटने का काम भारी विरोध के बाद भी नहीं रूक रहा है।
सिंगरौली में जंगल काटने का मामला हाल ही में मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान 5 दिसम्बर 2025 को चर्चा का विषय बना। कांग्रेस विधायक डॉ विक्रांत भूरिया ने इस मामले को जोरदार तरीके से उठाया जिसका वन मंत्री नागर सिंह चौहान संतोषप्रद उत्तर नहीं दे सके।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने भी जंगल काटने के लिए सरकार की आलोचना की। इसके बाद सभी कांग्रेस विधायक राज्य शासन द्वारा जंगल कटाई करने वालों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए सदन से वॉकआउट कर गए। राज्य विधानसभा में सिंगरौली के जंगल काटने का मुद्दा उठाने के बाद कांग्रेस इस मामले में लगातार सक्रिय है।
जंगल में हो रही बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई को देखते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने आज 7 दिसम्बर 2025 को फ़ैक्ट-फ़ाइंडिंग कमेटी गठित की है।
इस समिति में मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार, पूर्व मंत्री अजय सिंह, बाला बच्चन, विधायक विक्रांत भूरिया भी शामिल हैं।
यह समिति 10 दिसंबर 2025 तक सिंगरौली पहुँचकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों, प्रभावित गाँवों और अधिकारियों से मुलाक़ात करेगी, ज़मीन पर क्या सच है – उसकी विस्तृत रिपोर्ट सीधे पार्टी नेतृत्व को सौंपेगी।
इस बारे में कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने कहा कि जनता की ज़मीन, जंगल और हक़ की लड़ाई – हम पूरी ताक़त से लड़ेंगे।
– अमिताभ पाण्डेय





