विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने मध्य एशिया, यूरोप और उत्तरी अमरीका से आए 40 से अधिक विदेशी पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल के साथ एक संवाद सत्र का आयोजन किया। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि यह सत्र विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में भारत की तीव्र प्रगति, उभरते नेतृत्व तथा वैश्विक सहयोग को उजागर करने के लिए आयोजित किया गया। इस का उद्देश्य भारत की वैज्ञानिक क्षमताओं के बारे में अंतरराष्ट्रीय मीडिया की जानकारी बढ़ाना और भारत के तकनीकी परिदृश्य पर अधिक जानकारीपूर्ण वैश्विक रिपोर्टिंग के लिए मार्ग प्रशस्त करना है। विदेश मंत्रालय नौ दिसम्बर से शुरू हुई इस दस दिन की यात्रा का आयोजन कर रहा है।
इस अवसर पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर ने कहा कि मिशन-संचालित कार्यक्रमों, सुदृढ अनुसंधान आधारों और विस्तारित वैश्विक सहयोगों के साथ भारत का विज्ञान और प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र एक ऐतिहासिक परिवर्तन से गुजर रहा है। चर्चा में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के भविष्य को आकार देने वाले भारत के नीतिगत सुधारों, वैश्विक साझेदारी के अवसरों, सतत और समावेशी प्रौद्योगिकियों में देश के नेतृत्व तथा राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों को निर्धारित करने में नवाचार की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया गया।


