भोपाल।
राजधानी भोपाल के भौंरी क्षेत्र स्थित कैंपियन स्कूल को सीबीएसई की मान्यता प्राप्त नहीं होने की शिकायत सही पाई गई है। इस मामले में अदालत ने प्राचार्य फादर एलेक्स लाकरा को एक साल के लिए जेल भेजने के आदेश दिए हैं।
इस मामले में अभिभावकों ने बताया कि कैंपियन स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा सीबीएसई की मान्यता के बिना स्कूल संचालित किया जा रहा है ।
उन्होंने बच्चो को सीबीएसई के नाम पर एडमिशन देकर बच्चों को पूर्ण रूप से गुमराह किया है। इस विषय में भोपाल के समाजसेवी नितेश लाल एवं गोपाल मुखरैया द्वारा कई वर्षों पहले जिला अदालत में स्कूल प्रबंधन एवं प्रिंसिपल के ख़िलाफ़ बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ होने का मामला दर्ज कराया गया था जिसमें अधिवक्ता रवि गोयल द्वारा इस केस की पैरवी की जा रही थी ।
प्रकरण की लम्बे समय तक चली सुनवाई के बाद 29 अक्टूबर 2025 को न्यायाधीश लोकेश तारण द्वारा कैंपियन स्कूल के प्रिंसिपल को एक वर्ष की सजा सुनाई गई।
इस विषय में जानकारी देते हुए अधिवक्ता रवि गोयल ने बताया कि कैंपियन स्कूल की डायरी, वेबसाईट, अन्य स्थानों पर स्कूल को सीबीएसई की मान्यता प्राप्त होने का दावा किया जा रहा था जिसके चलते 1 हजार 409 से अधिक बच्चो ने इस के चलते स्कूल में एडमिशन लिया ।
फीस के नाम पर मोटी रकम वसूली की गई। इसके चलते नितेश लाल एवं गोपाल मुखरैया ने आर टी आई के माध्यम से जब स्कूल की जानकारी निकाली तो कैंपियन स्कूल को सीबीएसई की मान्यता प्राप्त ना होने की बात सामने आई।
इसके अलावा यह स्कूल कृषि भूमि पर बनाया गया है। इन्होंने आरोप लगाया कि उनके बच्चों को सीबीएसई के नाम पर एडमिशन देकर गुमराह और धोखाधड़ी कर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा था
इस मामले में अदालत का फैसला आने के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत पाठक ने कहा है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों को तत्काल सभी निजी स्कूलों के दस्तावेज का परीक्षण और स्थल निरीक्षण करना चाहिए। ऐसा करने से निजी स्कूलों की गड़बड़ी उजागर होगी।
श्री पाठक ने कहा कि बिना सभी अनुमतियों के भौंरी का केमपियन स्कूल कैसे चलता रहा ?
शिक्षा विभाग में मान्यता की जांच की जिम्मेदारी किसकी थी ?
जो बच्चे बिना मान्यता के स्कूल में पढ़े उनको हुए नुकसान को अब कैसे पूरा किया जाएगा ?
इन सवालों के जवाब भी मिलना चाहिए।




