नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने कहा है कि सरकार देश में ही विमान विनिर्माण शुरू करने जा रही है। उन्होंने कहा कि बढ़ती मांग पूरी करने के लिए देश के पास मेड इन इंडिया विमान होने चाहिए। श्री नायडू ने कहा कि हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड रूसी विमान कंपनी सुखोई के साथ सम्बन्धित प्रौद्योगिकी हासिल करने का प्रयास कर रही है।
आज लोकसभा में विमान किराया विनियमन संबंधी प्रस्ताव के जवाब में नागर विमानन मंत्री ने कहा कि विमानों की उपलब्धता सुनिश्चित करना एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
श्री नायडू ने कहा कि केन्द्र सरकार के पास असाधारण परिस्थितियों में विमान किराए पर सीमा लागू करने का अधिकार है ताकि यात्रियों को अप्रत्याशित किराए का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि सरकार ने विमान कंपनियों को टिकट बुकिंग के समय किराये संबंधी सूचना दर्शाने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि नागर विमानन महानिदेशालय में किराया निगरानी इकाई स्थापित की गई है जो नजर रखेगी कि विमान कंपनियां अपनी घोषित सूची के अनुरूप किराया ले रही हैं या नहीं।
नागर विमानन मंत्री ने कहा कि भविष्य में उड़ान योजना के अंतर्गत देश में अधिक से अधिक विमान कंपनियां कार्यरत होंगी। सरकार ने तीन नई विमान कंपनियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया है और दो नई कंपनियों ने एन ओ सी के लिए आवेदन किया है।
देश में विमान किराया विनियमन के समुचित उपायों पर चर्चा के दौरान कांग्रेस की सांसद वर्षा एकनाथ गायकवाड ने बढ़ते किराये पर सवाल उठाए। कांग्रेस के एक अन्य सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि इंडिगो के हाल के संकट की न्यायिक जांच कराने की मांग की गयी है।
समाजवादी पार्टी के रामाशंकर राजभर ने भी कहा कि इंडिगो संकट के दौरान विमान किराये में कई गुना बढ़ोतरी हुई। भारतीय जनता पार्टी के जगदम्बिका पाल ने कहा कि मोदी सरकार के तहत विमानन क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। डीएमके पार्टी के अरुण नेहरू, तृणमूल कांग्रेस के सौगम राय ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
नागर विमानन मंत्री के उत्तर के बाद कांग्रेस के शफी परम्बिल ने अपना प्रस्ताव वापस ले लिया। बाद में सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।


