भोपाल।
मध्यप्रदेश के शिक्षाविद् और पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने बैंकिंग परीक्षा में राष्ट्रभाषा हिन्दी की उपेक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने अंग्रेजी भाषा को अधिक महत्व दिए जाने की आलोचना की है ।
श्री सकलेचा के अनुसार राष्ट्रीयकृत बैंकों में चयन के लिए आयोजित प्राथमिक परीक्षा के परिणाम में अंग्रेजी को गणित और तर्कशक्ति से ज्यादा महत्व दिया जा रहा है। यह हिन्दी भाषा की लोकप्रियता को नुकसान पहुंचाने की सोची समझी साजिश है । उन्होंने बैंकिंग परीक्षा परिणाम निरस्त कर, नए सिरे से जारी करने का आग्रह किया है।
इस संबंध में शिक्षाविद् , पूर्व विधायक और सामाजिक संस्था युवाम के संस्थापक पारस सकलेचा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र लिखा है।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में श्री सकलेचा ने कहा कि जो अभ्यर्थी अंग्रेजी माध्यम से पढ़कर स्नातक और स्नातकोत्तर में अंग्रेजी विषय लेगा, उसे अतिरिक्त लाभ होगा, जो संविधान की धारा 14 – समानता के अधिकार, के विपरीत है ।

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में श्री सकलेचा ने कहा कि 5 अक्टूबर को हुई राष्ट्रीयकृत बैंकों में चयन के लिए प्रारंभिक परीक्षा , जिसके परिणाम 25 नवंबर को जारी किए गए, उसमें अंग्रेजी के कट आफ पॉइंट पूरे देश में न्यूमेरिकल तथा रीजनिंग से ज्यादा रखे गए हैं। सामान्य वर्ग तथा ईडब्ल्यूएस के लिए अंग्रेजी में 30 में से 15.25 यानि 50.8% है, न्यूमेरिकल में 35 में से 15.25 यानि 45% तथा रीजनिंग में 35 में से 13.5 यानि 38.57% है। आरक्षित वर्ग में अंग्रेजी के कट आफ पॉइंट 30 में से 11.25 यानि 37.5%, न्यूमेरिकल में 35 में से 11.5 यानि , 32.86% तथा रीजनिंग में 35 में से 9 यानि 25.71% रखा गया है ।
श्री सकलेचा ने लिखा कि न्यूमेरिकल और रिजनिंग के महत्व को कम कर अंग्रेजी को ज्यादा महत्व देने से योग्य अभ्यर्थी का चयन नहीं हो रहा है। भाषा योग्यता, बुद्धिमता और विजनरी मस्तिष्क का पैमाना भी नहीं है ।
पूर्व विधायक ने लिखा कि अधिकांश प्रतियोगी परीक्षाओं में भाषा का प्रश्नपत्र सिर्फ भाषा के जानने के ज्ञान का आकलन करने के लिये होता है, तथा उसमें 25% से 30% उत्तीणांक रखा जाता है और उसके अंक प्राप्तांक में जोड़े नहीं जाते हैं ।
शिक्षाविद् श्री सकलेचा ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि आईबीपीएस के इस परीक्षा परिणाम को निरस्त किया जाए, अंग्रेजी के कट ऑफ के स्थान पर 7 अंक उत्तीणांक तय कर उसे अभ्यर्थी के प्राप्तांक में ना जोड़कर , रीजनिंग और न्यूमेरिकल के अंकों के आधार पर सफल उम्मीदवारों की नई सूची जारी की जाए।
– अमिताभ पाण्डेय




