वाराणसी में देश की पहली हाइड्रोजन वाटर टैक्सी की शुरुआत हो गई है। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने काशी के नमो घाट से हाइड्रोजन जलयान को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। गुरुवार को वाराणसी में कोलकाता से लाए गए हाइड्रोजन क्रूज ने गंगा की लहरों पर रफ्तार भरी। इसके साथ ही वाराणसी हाईड्रोजन क्रूज चलाने वाला देश का पहला शहर बन गया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री की ‘मेक इन इंडिया’ की प्रतिबद्धता और सभी क्षेत्रों में हरित परिवहन की ओर बदलाव को दर्शाती है।
अब इस हाइड्रोजन वाटर टैक्सी की खासियत के बारे में भी जान लेते हैं, ग्राफिक्स इन- हेडर- हाईड्रोजन क्रूज चलाने वाला पहला शहर बना वाराणसी, इस टैक्सी में एक साथ 50 यात्री सफर कर सकेंगे, वहीं इसका प्रति व्यक्ति किराया 500 रुपये है, ये टैक्सी 1 दिन में 7 फेरे लगाएगी शुरूआत में यह वाटर टैक्सी नमो घाट से रविदास घाट तक चलेगी, बाद में भविष्य में इसे अस्सी घाट से मार्कण्डेय धाम तक भी चलाया जाएगा, वाटर टैक्सी का संचालन भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के तहत जलसा क्रूज लाइन करेगी।
हाइड्रोजन ऊर्जा से चलने वाली वाटर टैक्सी अन्य की तुलना में कम समय में ज्यादा दूरी तय करेगी। इससे ईंधन की बचत होगी। ट्रायल काशी में शुरू किया गया है। सफल होने पर दूसरे शहरों में भी यह सुविधा शुरू होगी।

