निर्वाचन आयोग द्वारा कल प्रकाशित मतदाता सूची के मसौदे के अनुसार पश्चिम बंगाल में मतदाताओं की संख्या में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। पहले जहां राज्य में मतदाताओं की संख्या करीब साढ़े सात करोड़ से अधिक थी, वहीं नए मसौदे में यह घटकर लगभग 7 करोड़ 8 लाख रह गई है।
राज्य में कुल 7 करोड़ 66 लाख 37 हज़ार 529 मतदाता हैं। मृत्यु और स्थायी पलायन से लेकर नामों के दोहराव और गणना प्रपत्र जमा न करने जैसे कई कारणों से मतदाताओं के नाम हटा दिए गए हैं। 58 लाख 20 हज़ार 899 लोगों के नाम ASDD सूची में दर्ज हुए हैं।ASDD यानी Absent, Shifted, Dead, Duplicate – इसका मतलब है कि अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत और डुप्लिकेट की कैटेगरी में करीब 58 लाख लोगों के नाम शामिल हुए हैं।
2002 की मतदाता सूची से मेल न खाने वाले ऐसे मतदाताओं की संख्या 32 लाख है। Logical Discrepancy के मामलों की सूची में 1 करोड़ 36 लाख मतदाता शामिल हैं। इनमें एक ही व्यक्ति के 6 से अधिक वोटर्स होना, पिता का नाम 2002 की सूची से मेल न खाना, 2002 में 23 साल की उम्र होने के बावजूद मतदाता सूची में नाम न होना जैसे मामले हैं। Logical Discrepancy के मामले सबसे ज्यादा अल्पसंख्यक-बहुल ज़िले मुर्शिदाबाद में देखे गए हैं।
चुनाव आयोग ने पहले ऐसी सात विसंगतियों में 1 करोड़ 66 लाख नामों की पहचान की थी, जो अब कम होकर 1 करोड़ 36 लाख हो गई है। Verification के बाद यह सूची कम या ज़्यादा भी हो सकती है। निर्वाचन आयोग की मतदाता सूची के मसौदे के बाद 32 लाख लोगों को सुनवाई के लिए नोटिस मिलेगा।


