भगवान श्रीराम के जीवनकाल से जुड़े महत्वपूर्ण स्थलों के संरक्षण और विकास के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही है। महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत देशभर में अब तक 290 स्थानों की पहचान की गई है। श्री राम संस्कृति शोध संस्थान न्यास, दिल्ली द्वारा “जहां-जहां चरण पड़े रघुवर के” शीर्षक से किए जा रहे शोध में इन सभी स्थलों और मार्गों का विस्तृत दस्तावेजीकरण किया जा रहा है। शोधकर्ता डॉ. राम अवतार के 30 वर्षों के निरंतर अध्ययन में यह प्रमाणित हुआ है कि भगवान राम ने वनवास काल में कई प्राचीन स्थलों पर विश्राम किया था। इन्हीं में से एक शहडोल जिले के जयसिंहनगर क्षेत्र का ग्राम गंधिया स्थित सीतामढ़ी है, जहां श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण ने रात्रि विश्राम किया था। यहां पुरातत्व विभाग द्वारा की गई खुदाई में शिव, गणेश, नरसिंह, वराह सहित कई प्राचीन मूर्तियां और मंदिरों के अवशेष मिले हैं, जो इस स्थल की ऐतिहासिकता और आध्यात्मिक महत्ता को प्रमाणित करते हैं।
रजत जयंती पर पर्यटन बोर्ड, 19 को मैनपाट लोकनृत्य प्रतियोगिता
छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड की ओर से राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में इन दिनों विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। बीते आठ दिसंबर इन कार्यक्रमों का…


