कोयला खरीद में अनियमितताएं, ऊर्जा मंत्री ने दिए जांच के निर्देश 

भोपाल ।

पत्रकारों के प्रतिनिधि मंडल ने आज मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर से भेंट कर ज्ञापन सौंपा। 

इस ज्ञापन में MPPGCL के अन्तर्गत कार्यरत संजय गांधी ताप विद्युत गृह, वीरसिंहपुर में कोयला आपूर्ति संबंधी भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं का विस्तार से विवरण दिया गया है। झापन में तत्काल इस मामले की जांच और दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की गई है।

मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए ऊर्जा मंत्री ने पत्रकारों की मांग पर विशेष जांच के निर्देश जारी कर दिए हैं।

उल्लेखनीय है कि वरिष्ठ पत्रकारो के नेतृत्व में पत्रकारों के एक दल ने 26 अगस्त 2025 को ऊर्जा मंत्री से उनके निवास पर भेंट की । इस दौरान पत्रकारों ने ऊर्जा मंत्री को बताया कि मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड (MPPGCL) के संजय गांधी ताप विद्युत गृह (SGTPP), वीरसिंहपुर में कोयले की आपूर्ति, ट्रांसपोर्टेशन एवं गुणवत्ता निरीक्षण में गम्भीर अनियमितताएं हो रही है। यदि इसकी निष्पक्ष जांच हो तो पूरे प्रकरण में ₹200 करोड़ से अधिक के भ्रष्टाचार की आशंका है। इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए ऊर्जा मंत्री को जो ज्ञापन दिया गया उसमें निम्नलिखित विशेष बिंदुओं की जांच व कार्यवाही के लिए अनुरोध किया गया है।

1. टेंडर में Tipper के स्वामित्व का फर्जी औचित्य:

o जिन ट्रांसपोर्टरों को R C R के कार्य दिए गए, उन्होंने टेंडर लेने के लिये जो जवाब दिया है उसमें अपने स्वयं के Tipper होने का दावा किया।

o वास्तव में अधिकतर Tipper किराए (Hire) पर थे। क्या इस स्वामित्व की कभी जांच की गई?

o इतनी कम दरों पर कार्य स्वीकृत कैसे हुआ जबकि डीज़ल और बेसिक लागत भी नहीं निकलती?

2. GPS ट्रैकिंग और सीलिंग की अनदेखी:

o सभी RCR एवं Wash Coal के truck में GPS ट्रैकिंग और वाहन सीलिंग अनिवार्य थी।

o किस अधिकारी ने GPS ट्रैक किया? यदि नहीं किया गया, तो FM जबलपुर की सीधी लापरवाही और मिलीभगत की जांच हो।

o GPS एवं सीलिंग रिपोर्ट किस तिथि को किस अधिकारी ने देखी और अप्रूव की?

3. लोडिंग पॉइंट पर गुणवत्ता निरीक्षण की कमी:

o Coal लोडिंग के दौरान कभी भी Chief Chemist, Sr. Chemist, Shift Chemist या Jr. Chemist की उपस्थिति नहीं पाई गई।

o उनकी रिपोर्टें कब किस वरिष्ठ अधिकारी को मेल की गईं? यदि नहीं की गईं तो यह लापरवाही क्यों?

4. अधिकारियों का वर्षों से एक ही स्थान पर जमे रहना:

o FM विभाग, कोयला प्रबंधन से जुड़े अधिकारी — 

जैसे श्री राजेश तिवारी (Senior Chemist retired on 31/07/2025), 

पुष्पेंद्र पटेल (SE), 

राजेश खरे (Adll.CE),

 हेमंत संकुले (CE FM जबलपुर) — 

वर्षों से एक ही विभाग/प्लांट में कार्यरत हैं।

o इनके प्रमोशन होते रहे लेकिन स्थानांतरण नहीं हुआ — क्यों? क्या यह सुनियोजित गठजोड़ का संकेत नहीं है ?

5. पूर्व रिकॉर्ड वाले दोषी ट्रांसपोर्टरों को ही ठेका क्यों?

o SSTPP खंडवा में इन्हीं ट्रांसपोर्टरों (जय अंबे और साईं कृपा) द्वारा सैंपल चोरी के 44 मामले सामने आए थे।

o फिर भी इन्हें ही SGTPP में नया कार्य क्यों सौंपा गया?

6. SSTPP खण्डवा में जांच समिति में शामिल अधिकारियों के नाम सार्वजनिक किए जाएं :

o Tab बनी सभी जांच समितियों में कौन-कौन से अधिकारी थे?

o क्या वे इन्हीं संलिप्त अधिकारियों में से कोई थे?

7. RCR की अनावश्यकता का औचित्य?

o SGTPP में अप्रैल से जून 2025 तक कोयले का भरपूर स्टॉक (17–21 दिन) था।

o फिर Road-cum-Rail Mode से सप्लाई मंगवाना और उसका Sales Order जारी करना — क्या यह सिर्फ घोटाले का नया तरीका नहीं ?

ऊर्जा मंत्री को दिए गए ज्ञापन में बताया गया है कि इस घोटाले में कई स्तरों पर मिलीभगत हो सकती है ।

— F M विभाग, Quality विभाग, ट्रांसपोर्टर, और प्लांट स्तर के कुछ वरिष्ठ अधिकारी भी इसमें शामिल होंगे , इसकी पूरी संभावना है।

 ऊर्जा मंत्री को दिए गए ज्ञापन में यह मांग की गई है कि 

1. इस पूरे प्रकरण की जांच C B I या E O W जैसी स्वतंत्र और उच्च स्तरीय एजेंसी से कराई जाए।

2. सभी RCR और Wash Coal truck की GPS रिपोर्ट और सीलिंग रिपोर्टकी जांच हो।

3. लोडिंग पॉइंट परक्वालिटी चेकिंग की उपस्थिति और रिपोर्टिंगकी पड़ताल हो।

4. वर्षों से एक ही स्थान पर कार्यरत अधिकारियों की संपत्ति, बैंक खातों, और पोस्टिंग/प्रमोशन की जांच हो।

5. SGTPP, SSTPP, STPS, ATPS और FM जबलपुर के सभी कोयला संबंधित कर्मचारियों का स्थानांतरण तत्काल प्रभाव से किया जाए।

6. पूर्व में सैंपल चोरी के मामलों में दोषी पाए गए ट्रांसपोर्टरों को दोबारा कार्य दिए जाने के पीछे की जिम्मेदारी तय हो।

7. आगे से सभी रेक्स की अनलोडिंग की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य की जाए।

झापन में यह मांग की गई है कि ऊर्जा उत्पादन की आड़ में भ्रष्टाचार करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए। 

इस ज्ञापन की प्रतिलिपि:

 मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डा मोहन यादव, . मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार, राज्य शासन के मुख्य सचिव अनुराग जैन, के साथ ही नीरज मंडलोई अपर मुख्य सचिव (ऊर्जा) को भी दी गई है। इस ज्ञापन में उल्लेखित बिन्दुओं पर निष्पक्ष जांच का परिणाम लगभग 15 दिन में सामने आने की संभावना है।

– अमिताभ पाण्डेय, शुरैह नियाजी

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