
नई दिल्ली ।
केन्द्र सरकार किसानों, महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त करने के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। इसके लिए खाद्य प्रसंस्करण एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा भी विभिन्न योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के समग्र विकास को बढ़ावा देने और सुनिश्चित करने के लिए, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) अपनी केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं के माध्यम से देश भर में संबंधित बुनियादी ढाँचे की स्थापना/विस्तार को प्रोत्साहित कर रहा है। इनमें प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई), खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआईएसएफपीआई) और केंद्र प्रायोजित – प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का औपचारिकीकरण (पीएमएफएमई) योजना शामिल हैं।
कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ), स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) और सहकारी समितियाँ भी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की इन योजनाओं के तहत अनुदान प्राप्त करने के पात्र हैं।
अब तक, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित योजनाओं के अंतर्गत किसान उत्पादक संगठनों के 166 प्रस्तावों, स्वयं सहायता समूहों के 1228 प्रस्तावों और सहकारी समितियों के 61 प्रस्तावों को स्वीकृति दी है।
यह जानकारी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह ने गत 25 जुलाई 2025 को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
– अमिताभ पाण्डेय