भोपाल।
देश दुनिया में आकाशवाणी की पहचान भारत के प्रमुख लोक प्रसारक के रूप में है। आकाशवाणी ने आम जन के मन में सूचना, शिक्षा और मनोरंजन के माध्यम से गरिमामय स्थान बना रखा है।
लोग आकाशवाणी को उसकी विश्वसनीयता के लिए जानते और मानते हैं।
रेडियो तरंगों के माध्यम से लोगों के दिलों तक पहुंच कर जोरदार पहुंच बनाई है। आकाशवाणी उपयोगी सूचनाओं को अपने चाहने वालों तक पहुंचाने का सिलसिला अल सुबह से शुरू करती है जो कि देर रात तक तरह तरह के कार्यक्रम के रूप सुनने को मिलता है।
आज का दिन रेडियो की दुनिया से जुड़े लोगों के लिए बहुत खास है। रेडियो सुनने और सुनाने वाले यह जानकर खुशी होंगे कि आकाशवाणी भोपाल अपना 70वा स्थापना दिवस मना रहा है।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश की स्थापना के ठीक एक दिन पहले यानि 31 अक्टूबर 1956 को आकाशवाणी भोपाल की शुरुआत भोपाल के बड़े तालाब के किनारे स्थित काशाना बिल्डिंग नाम की एक छोटी सी इमारत से हुई थी।
आज आकाशवाणी भोपाल प्रतिदिन लगभग 17 घंटे मीडियम वेव, डी. टी. एच. तथा मोबाइल एप पर सभी प्रकार के श्रोता वर्गों के लिए कार्यक्रम प्रसारित करता है। श्रोताओं में बेहद लोकप्रिय श्रीरामचरितमानसगान की शुरुआत का श्रेय आकाशवाणी भोपाल को जाता है। यही वो केंद्र है जहां सबसे पहले फ़ोन इन कार्यक्रम को सजीव रूप में फरमाइशी कार्यक्रम के लिए प्रस्तुत करने की शुरुआत हुई थी। भोपाल गैस त्रासदी के समय भी लोगों को जागरूक करने और मदद पहुंचाने में आकाशवाणी भोपाल ने महती भूमिका निभाई थी।
आकाशवाणी भोपाल को अपने कार्यक्रमों के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से भी नवाज़ा जा चुका है। आकाशवाणी अपने कार्यक्रमों की गुणवत्ता कायम रखने के लिए आगे भी अपने श्रोताओं से ऐसी ही भागीदारी की उम्मीद करती है। ऐसा विश्वास किया जाना चाहिए कि सम्माननीय श्रोता अपने प्रेमरूपी पुष्प आकाशवाणी भोपाल के प्रति ऐसे ही बरसाते रहेंगे।
आकाशवाणी के साथ श्रोताओं का रिश्ता साल दर साल बेहतरीन होता रहेगा ।
– अमिताभ पाण्डेय
( लेखक आकाशवाणी भोपाल के आकस्मिक समाचार संपादक हैं: संपर्क 9424466269 )




