( अमिताभ पाण्डेय )
स्मार्ट सिटी मिशन के उद्देश्यों के अनुरूप इंदौर शहर ने पिछले कुछ सालों में शानदार प्रदर्शन किया है। इंदौर जैसी स्मार्ट सिटीज़ ने साबित किया है जो शहर जनकल्याण को तरजीह देते हैं, वे हर गुजरते दिन के साथ विकसित और बेहतर हो रहे हैं।
आगामी 27 सितंबर 2023 को इंदौर के सिर पर एक और ताज पोषित होगा जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इंदौर को देश के 100 स्मार्ट शहरों में से “सर्वश्रेष्ठ स्मार्ट सिटी” का प्रतिष्ठित अवार्ड प्रदान करेंगी। इंदौर के अलावा अन्य शहरों जबलपुर, ग्वालियर और सागर ने भी शानदार प्रदर्शन किया है । इसकी वजह से मध्यप्रदेश को देश श्रेष्ठ राज्य के अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में शुरू किए गए स्मार्ट सिटी मिशन का मकसद 'स्मार्ट सॉल्यूशन्स' के जरिये शहर के नागरिकों को बुनियादी ढांचा, स्वच्छता, टिकाऊ वातावरण और सम्माजनक जीवन प्रदान करना है। नवाचारों को प्रोत्साहित करने वाले इस मिशन का उद्देश्य है देश के शहरी विकास की प्रक्रिया में आदर्श बदलाव लाना।
हमारे देश के 100 स्मार्ट शहरों में मोबिलिटी, ऊर्जा, जल, स्वच्छता, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, सार्वजनिक जगहों और सामाजिक बुनियादी ढांचे का विकास और स्मार्ट प्रशासन  से जुड़े प्रोजेक्ट्स शुरू किए हैं। केंद्र सरकार के मुताबिक स्मार्ट सिटी मिशन के तहत कुल प्रस्तावित परियोजनाओं में से, 1,10,635 करोड़ रुपए लागत की 6,041 यानी 76 फीसदी परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और 60,095 करोड़ रुपए लागत की शेष 1,894 परियोजनाएं जून 2024 तक पूरी हो जाएंगी।
छह साल से स्वच्छता में अव्वल इंदौर ने हाल ही में  स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2023 में शीर्ष पर रहने का गौरव प्राप्त किया। अपने जल स्रोतों के प्रबंधन में अग्रणी होने की वजह से इंदौर को वाटर प्लस से वाटर सरप्लस सिटी का खिताब पहले ही मिल चुका है।
स्थानीय प्रशासन और नगर निगम प्रशासन लगातार नवाचारों के साथ बुनियादी ढ़ांचे का विकास करते हुए नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बना रहा हैं।  आधुनिक संसाधनों के जरिए इंदौर का स्थानीय प्रशासन नागरिक सेवाओं के लिए शहर का बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर  विकसित करने के प्रयासों के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयास कर रहा है।
पर्यावरण को बेहतरी में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत वायु गुणवत्ता सुधार के विभीन्न प्रयासों में भी इंदौर नंबर वन है।
बेस्ट स्मार्ट सिटी सर्वे की स्वच्छता श्रेणी में इंदौर के गोबरधन प्लांट की वजह से इसे यह नंबर वन है। इंदौर शहर ने कचरे के निस्तारण के लिए बेहतरीन टेक्नोलॉजी के तीन प्लांट भी लगाए हैं- वेस्ट से एनर्जी बनाने वाला प्लांट, फर्टिलाइजर फैसेलिटी और बायोगैस प्लांट। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंज के साथ ही अपने इनोवेटिव बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) के जरिये नागरिकों बेहतरीन आंतरिक परिवबन सेवा देने की वजह से इंदौर को तारीफ और पुरस्कार मिल चुके हैं। बीआरटीएस ने शहर के नागरिकों की  मोबिलिटी बढ़ाने, वायु प्रदूषण में कमी, सड़कों पर लोगों की भीड़ घटाने और लोगों का जीवन स्तर बेहतर बनाने का काम किया।
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार भविष्य में इंदौर में कई नवाचार और बेस्ट प्रैक्टिसेस नज़र आएंगी जिनके कारण आम शहरी लोगों का जीवन स्तर बेहतर होगा। इंदौर में मेट्रो ट्रेन का सफल परीक्षण हो चुका है और जल्दी ही यह शहर में बिछाई जा रही पटरियों पर नागरिकों को लेकर दौड़ने लगेगी। क्लीन ऊर्जा के क्षेत्र में भी इंदौर के प्रयास जारी हैं। सोलर सिटी पहल हो चुकी है। घर-घर सोलर पैनल नजर आने लगे हैं। सौर ऊर्जा आधारित संयंत्र स्थापित करने के लिए नगर निगम ने देश का पहला सफल बॉण्ड इश्यू जारी किया था। यानी क्लीन एनर्जी की दिशाल और दक्षता में यह महत्वपूर्ण कदम है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव कहते हैं, ''इंदौर शहर के चौतरफा विकास के साथ ही पर्यावरण संरक्षण में जनता की सक्रिय भागीदारी हमारी एक परंपरा है. हमने जन भागीदारी और नागरिकों के सहयोग से विकास को आगे बढ़ाने की दिशा में काम किया है।''
जनता के लिए जरूरी सेवाओं के विकास के लक्ष्य हासिल करने में स्वयंसेवी संस्थाओं और गैर-सरकारी भागीदारों के साथ जुड़ने का इंदौर का एक शानदार ट्रैक रिकॉर्ड है। इंदौर शहर में वायु गुणवत्ता की गंभीर समस्या के समाधान के लिए नगर निगम के साथ क्लीन एयर कैटलिस्ट प्रोजेक्ट के बीच चल रहा सहयोग इसकी मिसाल है। क्लीन एयर कैटलिस्ट, यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) के सहयोग से चल रहा एक प्रमुख प्रोग्राम है, जो वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टिट्यूट (डब्ल्यूआरआई) और एन्वायर्नमेंटल डिफेंस फंड (ईडीएफ) के कार्यक्रम नेतृत्व में विभिन्न संस्थाओं की वैश्विक साझेदारी है।
यहां यह बताना जरूरी होगा कि हाल ही में 77वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के  दौरान जिला प्रशासन ने इंदौर की वायु गुणवत्ता को बढ़ाने में उल्लेखनीय योगदान के लिए कैटलिस्ट को सम्मानित भी किया।
मध्यप्रदेश के अन्य शहरों के लिए भी अन्य शहरों के लिए अवसरों का आकाश खुला है। इंदौर ने करीब 12 में से 6 क्षेत्रों में सफलता के कीर्तिमान स्थापित किए हैं। अब स्मार्ट सिटी पुरस्कारों की कुछ श्रेणियों में इंदौर शहर को अतिरिक्त प्रयास करने होंगे जैसे- सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण, स्मार्ट प्रशासन, इंटिग्रेटेड कंट्रोल ऐंड कमांड सेटर (आईसीसीसी) बिजनेस मॉडल,  मोबिलिटी, सामाजिक बुनियादी ढांचा और इनोवेटिव आइडियाज़ या अभिनव विचार। जनता, जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारियों के बेहतरीन समन्वय से इन सभी क्षेत्रों में भी इन्दौर अपनी अलग पहचान को साबित करेगा । ऐसा विश्वास है।
( लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं ,  संपर्क : 9424466269 )

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