( अमिताभ पाण्डेय )
 मध्यप्रदेश की राजनीति में अनेक अनोखे कीर्तिमान रच कर शिवराज सिंह चौहान ने खुद को श्रेष्ठ जनसेवक साबित किया है। वे 15 वर्षों से अधिक समय तक मुख्यमंत्री के पद पर सफलतापूर्वक काम करते हुए आम आदमी से , आम आदमी के घर~ परिवार से , बच्चों , बुजुर्गों से सीधे जुड़ने की ऐसी शैली विकसित कर चुके हैं कि आने वाले समय में जो उसका अनुसरण नहीं करेगा वह कम से कम मध्यप्रदेश के राजनैतिक परिदृश्य पर नजर नहीं आएगा। इस शैली को नहीं मानने वाले राजनीति की दुनिया में गुमनाम हो जाएंगे। अब मध्यप्रदेश में भविष्य के मुख्यमंत्रियों को सीधे जनता से जुड़ना होगा।समाज के अंतिम छोर पर खड़े और  जीने के लिए जरूरी  साधन , सुविधा की राह तकते  लोगों के बीच जाना ही होगा।सुविधाभोगी राजनीति को जिन नेताओं ने अपनी आदत बना लिया वो चाहे किसी भी दल के हों शिवराज का मुकाबला नहीं कर पाएंगे।  यदि ऐसे नेता राजनैतिक दुरभिसंधियों अथवा यूं कहें कि भाग्य ~ सौभाग्य से या परिवारवाद के चलते मुख्यमंत्री गलती से , गुटबाजी से  मुख्यमंत्री बन भी गए अथवा बना भी दिए गए तो परिस्थितियां फिर ऐसी बनेगी की  उन्हें हटना ही होगा ।


यह शिवराज सिंह चौहान ही हैं, जिन्होंने जनता के भरोसे को जीतने के लिए मुख्यमंत्री जैसे अति विशिष्ट पद को इतना आसान बना दिया कि लोग अब उनको मुख्यमंत्री नहीं बल्कि अपने परिवार का सदस्य मानते हैं।युवाओं और बच्चों के बीच मामा के नाम से लोकप्रिय पांव ~ पांव वाले भैया  शिवराज अब देश~ विदेश की लोकप्रिय शख्सियतों में शुमार हो चुके हैं। इसके बाद भी वे इतने सरल और सहज हैं कि हर कोई उनसे बात कर अपनापन महसूस करता है। वह आम आदमी के बीच बहुत जल्दी घुल ~मिल जाते हैं ।" राजसी परिवार , राजघराने के नेताओं की तुलना में प्रदेश की जनता शिवराज को अपने से ज्यादा करीब महसूस करती है।"शिवराज का आम आदमी से आत्मीय व्यवहार लोगों को उनका प्रशंसक बनाता है ।बच्चों और युवाओं में शिवराज की लोकप्रियता बेमिसाल है। वह इनके बीच मामा के रूप में जाने और माने जाते हैं ।


मामा की यह फौज प्रदेश ही नहीं देश के अन्य राज्यों में भी मौजूद है । सोशल मीडिया से लेकर, देश, प्रदेश , विदेश में, हर जगह, है ,  ट्विटर, इंस्टाग्राम, फेसबुक जैसे हर प्लेटफार्म पर , गांव की चौपाल पर , शहरों के काफी हाऊस में , शिवराज मामा के  दीवानों की कमी नहीं नहीं हैं। मध्यप्रदेश के तो हर गांव ~शहर में उनके चाहने वाले  हैं। यहां यह बताना जरूरी होगा कि  शिवराज का विनम्र और गंभीर होना, उन्हें दूसरे नेताओं से अलग करता है। वे सब का सम्मान करते हैं। छोटाबड़ा, अमीर ~ गरीब, पक्षविपक्ष सबकी सुनते हैं।  प्रतिपक्ष की गरिमा का उन्हें पूरा ख्याल रहता है ।वह प्रतिपक्ष को कभी सिरे से खारिज नहीं करते ।कड़ी टिप्पणी से बचते हैं ।सख्त शब्दों से परहेज करते हैं। यही कारण है कि विपक्ष में भी उनके बहुत प्रशंसक मौजूद हैं। विपक्ष के नेता भी यह मानते हैं कि विनम्रता , संवेदनशीलता में शिवराज का जवाब नहीं । इस मायने में वे बेमिसाल हैं।


लगभग 50 साल पहले इटारसी के गांधी मैदान में "" सूक्कू भैया ""  का प्रचार करने वाले  शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश में भाजपा के पितृ पुरुष कुशाभाऊ ठाकरे,  प्यारेलाल खंडेलवाल और कैलाश सारंग की परंपरा के जनसेवक हैं। वह इन वरिष्ठ नेताओं की तरह ही ऐसे जमीनी कार्यकर्ता हैं जो अभी प्रदेश के गांव ~शहरों  में लोगों को व्यक्तिगत रुप से पहचानते हैं। विद्यार्थी परिषद, युवा मोर्चा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष,सांसद , विधायक  रहते हुए शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के हर गांव में अपने चाहने वालों का समूह तैयार किया है ।
वह पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से लेकर नए सदस्य बनने वालों तक सभी को जानते हैं,  मानते हैं। सबका ख्याल करते हैं और सबकी चिंता करते हैं। समाज के हर वर्ग के लिए क्या बेहतर हो सकता है ?  यह विचार उनके मन में लगातार चलता है। वे इस को क्रियान्वित करने के लिए नई-नई योजनाएं बनाते हैं। वे खुद को  मुख्यमंत्री नहीं,  जनता का सेवक मानते हैं। यह सेवा भाव उनके कार्य,  व्यवहार और विनम्रता से झलकता है ।एक अर्थ में वे जनता के मुख्यमंत्री हैं।


अपने 15 साल से अधिक लंबे और कीर्तिमान वाले कार्यकाल में शिवराज सिंह चौहान ने शासन की योजनाओं को संवेदनशील और जनोन्मुखी  बनाने की बहुतेरी , बहुआयामी कोशिशें की हैं ।इसके सुपरिणाम यह हैं कि मध्यप्रदेश में चलाई जा रही योजनाओं का क्रियान्वयन अब केंद्र सरकार ही नहीं,  देश के अन्य राज्यों में भी हो रहा है। विकास के पथ पर बढ़ते हुए मध्यप्रदेश के खाते में अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धियां दर्ज है। इनके पीछे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का विकासवादी दृष्टिकोण साफ दिखाई देता है।  मध्य प्रदेश में सुशासन ,महिला सशक्तिकरण , कृषि के क्षेत्र में जो काम हुए और जो काम किए जा रहे हैं , उनसे बड़ा सामाजिक ~आर्थिक बदलाव आया है ।आम आदमी के जीवन~ स्तर में सुधार नजर आता है। सबसे बढ़कर बात यह है कि मध्यप्रदेश की एक प्रभावी पहचान बनी है। शांत और विकास की तरफ अग्रसर समरस प्रदेश के रूप में।


इसका श्रेय निसंदेह शिवराज के कुशल नेतृत्व को जाता है। उनकी सफल हुई कोशिशों को जाता है।
 शिवराज सिंह की सरकार ने बिजली , सड़क , पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की पर्याप्त उपलब्धता को सुनिश्चित किया है।
 स्वास्थ्य , शिक्षा के क्षेत्र में नई तकनीक के साथ ही अधोसंरचना पर भी जोर दिया है । विकास का यह सफर निरंतर जारी है। इसमें नए~नए मील के पत्थर जुड़ते जा रहे हैं।
 इससे आने वाले समय में मध्य प्रदेश और यहां के निवासियों की प्रगति की रफ्तार जरूर बढ़ेगी, बढ़ती रहेगी, ऐसा विश्वास है।
जन जन के मन को जीतने वाले मुख्यमंत्री शिवराज जी को जन्मदिवस की शुभकामनाएं।
देश~प्रदेश की जनता को उनसे काफी उम्मीदें हैं।
वे स्वस्थ, सुखी, दीर्घायु होकर जनसेवा के पथ पर बढ़ते रहें , ऐसी कामना है।
 

Source : ( लेखक आत्मीय सभा पत्रिका के संपादक हैं, संपर्क 9424466269 )