अक्षय तृतीया अबकी बार 10 मई को शुक्रवार को है। अक्षय तृतीया को धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार हर कार्य के लिए बहुत शुभ मुहूर्त माना जाता है। इस दिन सोना चांदी और कोई भी नया सामान खरीदने का खास महत्‍व शास्‍त्रों में बताया गया है। इस दिन मां लक्ष्‍मी की पूजा करने से आपको विशेष लाभ होता है और उनकी कृपा से आपके घर में परिवार में सुख समृद्धि बढ़ती है। धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन कई पौराणिक घटनाएं हुई थीं, इसलिए इसे एक अबूझ मुहूर्त के तौर पर माना जाता है। आइए आज आपको बताते हैं अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त और महत्‍व मान्‍यताएं।

अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त
अक्षय तृतीया 10 मई,शुक्रवार को सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर होगा और इसका समापन 11 मई के दिन सुबह 2 बजकर 50 मिनट पर हो जाएगा। अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त 10 मई के दिन सुबह 5 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 23 मिनट के बीच है। मान्‍यता है कि अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त में किए गए हर कार्य में सफलता प्राप्‍त होती है।

अक्षय तृतीया का महत्‍व अक्षय तृतीया का धार्मिक महत्‍व बहुत ही खास माना गया है। इसे युगादि तिभि भी माना जाता है। मान्‍यता है कि इस दिन भगवान विष्‍णु के परशुराम अवतार का जन्‍म हुआ था। अक्षय तृतीया के दिन ही युधिष्ठिर को कृष्‍णजी ने अक्षय पात्र दिया था। जिसमें कभी भी भोजन समाप्‍त नहीं होता था और इसी पात्र से युधिष्ठिर अपने जरूरतमंद लोगों को भोजन करवाते थे। इसलिए अक्षय तृतीया के दिन दान पुण्‍य करने का भी विशेष महत्‍व माना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन से त्रेतायुग का भी आरंभ हुआ था। इसी शुभ दिन पर गंगा का अवतरण भी धरती पर हुआ था। इतनी विशेषताओं की वजह से अक्षय तृतीया के दिन को साल का सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है।

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