नई दिल्ली
मां-बाप अपने बच्चों को कामयाब बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। खुद भूखे रह कर वे बच्चों का पेट भरते हैं। लेकिन गुजरात से एक ऐसी खबर आई है, जिसे पढ़कर आपका इंसानियत से भरोसा उठ जाएगा। एक बेटा विदेश जाकर अपने बूढ़े मां-बाप को भूल गया। उसने चार साल तक उनसे कभी बात तक नहीं किया। इस दौरान वह एक बार सूरत भी आया लेकिन अपने बीमार मां-बाप से मिलना जरूरी नहीं समझा। हैरानी की बात तो यह है कि मां-बाप ने 40 लाख रुपए उधार लेकर उस बेटे का बिजनेस लोन चुकाया था। उम्मीदों की आस में बैठे मां-बाप आखिर एक दिन टूट गए। दोनों ने बुधवार को आत्महत्या कर लिया।

चार साल पहले गया था कनाडा
'देश गुजरात' की रिपोर्ट के मुताबिक, 66 साल के चुन्नीभाई गेडिया और उनकी 64 साल की पत्नी मुक्ता सूरत के मीरा एवेन्यू में रहते थे। उनका बेटा पीयूष चार साल पहले कनाडा चला गया था। चार साल से उसने मां-बाप से सारे कनेक्शन तोड़ रखे थे। बुधवार को बुजुर्ग दंपति ने एक नोट लिखकर सुसाइड कर लिया। पुलिस इस केस में कानूनी कार्रवाई कर रही है।

बेटे के लिए लिया 40 लाख उधार
बुजुर्ग माता-पिता अपने बेटे का लोन चुकाने के लिए खुद 40 लाख रुपए उधार ले लिए। उन्हें यह उम्मीद रही होगी कि कनाडा गया उनका बेटा जरूर उन्हें पैसे भेजेगा जिससे वह कर्ज चुका सकेंगे। लेकिन भारत छोड़कर विदेश गया पीयूष अपने मां-बाप को भूल गया। साथ ही उस कर्ज को भी भूल गया जिसके तले उसके मां-बाप दबे हुए थे। उसने पिछले चार सालों में कभी भी उन्हें फोन नहीं किया। इस दौरान बूढ़े मां-बाप कई बार वीडियो कॉल पर अपने बेटे को देखना चाहे, उससे बात करना चाहे, लेकिन उनकी यह इच्छा कभी न पूरी हो सकी।

अंतिम संस्कार नहीं करे बेटा...
जिसे पाल-पोसकर बड़ा किया, उस बेटे के इस करतूत से मां-बाप को सदमा लगा। वह निराश महसूस करने लगे। उन पर 40 लाख रुपए उधारी का भी बोझ था, जो उन्होंने अपने रिश्तेदारों से ले रखा था। एक बार उनका बेटा पीयूष कनाडा से सूरत भी आया, लेकिन वह उन लोगों से नहीं मिला। बल्कि उसकी पत्नी ने उनका अपमान भी किया। यह सब बुजुर्ग दंपति बर्दाश्त नहीं कर सके। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में कुछ ऐसा लिखा जिसे जानकर आप उनकी पीड़ा का अंदाजा लगा सकते हैं। उन्होंने लिखा कि वे नहीं चाहते हैं कि उनका अंतिम संस्कार उनका बेटा करे।

 

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