स्वच्छ शहर इंदौर और साफ राजधानी भोपाल की हवा कर रही लोगों को बीमार

अमिताभ पाण्डेय

देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर है लेकिन वहां की आबोहवा अब भी प्रदूषित बनी हुई है। यह कहानी केवल इंदौर की नहीं है। ऐसा ही हाल एमपी की राजधानी भोपाल का भी है जिसे देश की सबसे साफ सुथरी राजधानी का खिताब हासिल है।दोनों शहर स्वच्छ तो हैं लेकिन साफ हवा के मामले में पिछड़े हुए हैं।यही वजह है कि दोनों शहरों से वायु प्रदूषण के खात्मे की खातिर सरकारों से लेकर जिम्मेदार एजेंसियों तक तमाम उपाय अपना रही हैं। हालांकि इन प्रयासों का अभी तक मनमाफिक नतीजा हासिल नहीं हो पाया है।

एयर जितनी “पुअर”, बीमारी उतनी गंभीर 

वायु की गुणवत्ता एयर क्वालिटी इंडेक्स के जरिए मापी जाती है। इंदौर और भोपाल में पिछले पांच सालों के आंकड़े देखें तो वायु प्रदूषण का स्तर गिरता गया है। एक्यूआई इंडेक्स के हिसाब से जिन शहरों का एक्यूआई 0 से 50 के बीच होता है वहां एयर क्वालिटी गुड और 51 से 100 के बीच एयर क्वालिटी सेटिसफेक्ट्री मानी जाती है। 101 से 200 तक एक्यूआई को मॉडरेट, 201 से 300 तक एक्यूआई को पुअर, 301 से 400 तक एक्यूआई वेरी पुअर और 401 से अधिक एक्यूआई सीवियर कैटेगरी में आता है।  भोपाल स्थित जेके मेडिकल कॉलेज के एचओडी और सीनियर फिजिशियन डॉ रतन कुमार वैश्य के मुताबिक एयर क्वालिटी पुअर होते ही लोगों को सांस संबंधी रोग होने की संभावना प्रबल हो जाती है। डॉ कुमार के मुताबिक पुअर एयर क्वालिटी से ज्यादातर लोगों को लंबे समय तक सांस लेने में तकलीफ होती है, वहीं वेरी पुअर केटेगरी की हवा सीधे सांस की बीमारी को जन्म देती है। सीवियर कंडीशन की हवा तो स्वस्थ लोगों को ही गंभीर रूप से प्रभावित करती है।     
 

साल-दर साल- ऐसे बदली इन शहरों की फिजा

शहर का नाम दिनांक        एक्यूआई      केटेगरी

इंदौर         01.01.2020   235         पुअर

भोपाल        01.01.2020   223         पुअर            

इंदौर         01.01.2021   261         पुअर

भोपाल        01.01.2021   295         पुअर
 

प्रदेश के दोनों अहम शहरों का एक्यूआई किस तरह साल दर साल बढ़ता गया, उसे ऊपर दिए गए चार्ट के जरिए जाना जा सकता है। हालांकि 2021 के बाद देशव्यापी लॉकडाउन के कारण एक्यूआई काफी हद तक सुधर गय़ा लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद हालात वापस बेहतर से बद्तर हो चले हैं। बारिश के दिनों को छोड़ दिया जाए तो भोपाल और इंदौर में एक्यूआई इंडेक्स विगत एक साल के दौरान पुअर और वेरी पुअर केटेगरी में ही रहा है।

“हालात” बेहतर करने के लिए हुआ मंथन
इंदौर और भोपाल समेत प्रदेश भर की एयर क्वालिटी सुधारने के लिए इंदौर में विगत दिनों क्लीन एयर केटेलिस्ट (सीएसी) ने एक मिशन का आगाज किया है। इस संस्था के साथ वर्ल्ड रिसोर्स सेंटर,  इंटर न्यूज़,  व्हाइटल  स्ट्रेटेजीस , इन्वायर्नमेंटल डिफेंस फंड, क्लीन एयर कोलेशन फार सिटीज, अर्थ जर्नलिज्म नेटवर्क, क्लाइमेट एंड क्लीन एयर कोलेशन जैसी ग्लोबल संस्थाओं ने भागीदारी की है, वहीं यूएसएड इस प्रोग्राम के लिए फंडिंग एजेंसी के तौर पर मददगार बना है। देश की क्लीनेस्ट सिटी इंदौर और क्लीनेस्ट कैपिटल भोपाल की एयर को भी क्लीन करने के लिए इन संस्थाओं ने इंदौर में जून माह में वर्कशॉप का आयोजन किया जिसमें इंदौर और भोपाल की एक्यूआई को लेकर खास तौर पर मंथन हुआ। वर्कशॉप में शामिल अर्थ जर्नलिज्म नेटवर्क की सीनियर जर्नलिस्ट स्टेला पॉल के मुताबिक दोनों शहरों में ग्रीन एनर्जी का अधिकतम उपयोग करते हुए कई इलाकों में केवल साइकिल और इलेक्ट्रिक या ग्रीन व्हीकल्स चलाने जैसे प्रतिबंध लगाने बेहद जरूरी हैं। वहीं, सीनियर जर्नलिस्ट जॉयदीप गुप्ता के मुताबिक यदि दोनों शहरों में चल रहे  कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट के दौरान उड़ने वाली डस्ट पर पानी छिड़का जाए तो एयर क्वालिटी को सुधारा जा सकता है। इसके साथ ही अन्य एक्सपर्ट्स ने दोनों शहरों में  ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने और अधिक से अधिक स्थानों पर एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन बनाने जैसे उपाय अपनाते हुए योजनाएं बनाने पर बल दिया। हाल ही में इंदौर के महापौर बने पुष्यमित्र भार्गव ने भी इंदौर में अधिक से अधिक पौध रोपण पर जोर देते शहर के भीतर 100 नए बगीचे तैयार करने की घोषणा की है। इसी प्रकार उज्जैन में लगभग 8 करोड़ रुपए की लागत से 3 नए वन बनाने की योजना नगर निगम ने तैयार की है।
 इसके कारण वायु प्रदूषण कम होगा और इंदौर , उज्जैन की हवा बेहतर होगी । ऐसा विश्वास है।      
 

Source : ( लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं, संपर्क : 9424466269 )