( अमिताभ पाण्डेय )

भोपाल ।

देशभर में कैला उत्पादन के लिए मशहूर  बुरहानपुर शहर में आज से अनूठे बनाना फेस्टिवल-2024 का शुभारंभ हुआ। इस दो दिवसीय आयोजन में बड़ी संख्या में केला उत्पादक किसान, विशेषज्ञ और निर्यातक ने भाग ले रहे हैं । 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री  मोहन यादव ने प्रतिभागियों को दिये अपने संदेश में कहा कि बनाना फेस्टीवल के आयोजन से केले से निर्मित विभिन्न उत्पादों की मार्केटिंग, पैकेजिंग और प्रोसेसिंग की प्रक्रियाओं से आमजन को अवगत करवाने से लेकर इस उत्पाद की निर्यात वृद्धि की संभावनाएं बनेंगी। मुख्यमंत्री ने उत्सव में विविध गतिविधियों की सराहना की । 

उन्होंने कहा कि बुरहानपुर जिले में केला उत्पादन और प्रसंस्करण की अपार संभावनाओं को देखते हुए इसे बनाना हब बनाने के लिये कार्ययोजना बनाई जायेगी।

 

इस अवसर पर खण्डवा लोकसभा क्षेत्र के सांसद  ज्ञानेश्वर पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी द्वारा मेक इन इंडिया, लोकल फॉर वोकल के तहत ‘‘एक जिला-एक उत्पाद योजना की शुरूआत से आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने की दिशा में अनेक कदम बढाए है। 

बुरहानपुर विधायक श्रीमति अर्चना चिटनीस, नेपानगर विधायक सुश्री मंजू दादू, कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल एवं जिला पंचायत सीईओ श्रीमति सृष्टि देशमुख सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण भी आयोजन में उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में सांसद श्री पाटिल ने कहा कि ‘‘एक जिला-एक उत्पाद‘‘ में बुरहानपुर जिले ने राष्ट्रीय स्तर पर नया किर्तीमान रचा है। केला फसल के साथ ही हल्दी को एक जिला एक उत्पाद में शामिल किया गया। महिला सशक्तीकरण की दिशा में भी यह योजना रोजगार के नये अवसर देकर आर्थिक रुप से इस व्यवसाय से जुडी महिलाओ को सशक्त बना रही है। 

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में सबसे ज्यादा 16 हजार हेक्टेयर में केला फसल का उत्पादन हो रहा है। तीन वर्ष पूर्व बुरहानपुर जिले में केला उपज से सिर्फ फल बेचे जाते थे। अब केले के पेड़ के तने से रेशे तैयार कर विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार किये जा रहे है।  बुरहानपुर जिले ने एक जिला एक उत्पाद में  स्पेशल मेंशन अवॉर्ड के अन्तर्गत प्रथम राष्ट्रीय पुरुस्कार हासिल किया है। 

कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए बुरहानपुर विधायक एवं पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस ने कहा कि एक जिला-एक उत्पाद का उद्देश्य स्थानीय उत्पादों के माध्यम से प्रत्येक क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। जिले में केले के बाद सर्वाधिक उत्पादन वाली फसल हल्दी है। केले और हल्दी दोनों ही फसलों की प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन की गतिविधियों से इन्हें उगाने वाले किसानों की आय में और वृद्धि होने की अपार संभावनाएं है।

नेपानगर विधायक मंजू राजेन्द्र दादू ने कहा कि प्रसंस्करण और  मूल्य संवर्धन के लिए निजी निवेश आमंत्रित करके स्थानीय लोगों को रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है। इसके लिए केले के फाइबर से टेक्सटॉइल व अन्य वस्तुओं के निर्माण की गतिविधियों का उत्पादन वाणिज्यिक स्तर पर करने की आवश्यकता है। 

कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल ने कहा कि फेस्टिवल बनाना फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य एक जिला-एक उत्पाद अंतर्गत केले से निर्मित विभिन्न उत्पाद, उनकी मार्केटिंग, पैकेजिंग, प्रोसेसिंग जैसे अन्य प्रक्रियाओं से अवगत कराना है। बनाना फेस्टिवल में केले एवं हल्दी के प्रसंस्करण में तकनीक, अन्वेषण एवं ब्रिक्री पर जोर देना है। भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए, केले के रेशे से हस्त शिल्प उत्पाद, केला का रेशा-कपड़ा एवं विविध खाद्य उत्पादों के लिए प्रेरित किया जा रहा है। 

प्रदर्शनी का अवलोकन : 

इस अवसर पर सांसद श्री पाटिल, विधायक श्रीमति चिटनीस, विधायक सुश्री दादू एवं कलेक्टर सुश्री मित्तल सहित जनप्रतिनिधियों ने बनाना फेस्टिवल में आयोजित केले के विभिन्न हस्त शिल्प उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा उसकी सराहना  की। उन्होंने केले से बने व्यंजन को चखकर प्रसन्नता व्यक्त की। 

 उषा उदलकर ने साझा किये अनुभव : 

बनाना फेस्टिवल में आजीविका केले से रेशे से निर्मित उत्पाद समूह की कहानी अपनी जुबानी के तहत गौरी स्वयं सहायता समूह शाहपुर की उषा उदलकर ने बताया कि , समूह की महिलाएं  केले के रेशे  से अनेक उत्पाद बना  रही है।

 उषा के अनुसार , हमारी यूनिट में 6 मशीनों से प्रतिमाह 2500 किलोग्राम रेशा प्राप्त होता है। इस रेशे से दीप, झाडू, सौख्यम पेड सहित अन्य उत्पाद बनाये जा रहे है। वे कहती है कि 557 महिलायें आत्मनिर्भर बन रही है। इस कार्य से दीदियों को 4-5 हजार प्रतिमाह कमा लेती है। 

बनाना फेस्टिवल की श्रृंखला में अतिथियों को आज फील्ड विजिट भी कराई गई। सुखपुरी स्थित बनाना प्रोसेसिंग यूनिट एवं सामुदायिक भवन दर्यापुर में आयोजित केले के रेशे से निर्मित उत्पादों के संबंध में दिये जा रहे प्रशिक्षण अवलोकन करते हुए सभी अतिथियों ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हमनें कभी सोचा नहीं था कि बुरहानपुर जिले में केले के रेशे से आकर्षक उत्पाद बनाये जा रहे है।

केले के विभिन्न उत्पादों के माध्यम से महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है । ऐसा कलेक्टर भव्या मित्तल और जिला पंचायत की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सृष्टि देशमुख के विशेष प्रयास से संभव हुआ है । महिला सशक्तिकरण के इस अनूठे अभियान को जिला प्रशासन के साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नागरिकों का भी प्रशंसनीय सहयोग लगातार मिल रहा है ।   

केले और उससे बने उत्पाद से जुड़कर महिलाएं अपने घर , परिवार , समाज में समृद्धि के नए रंग भर रही हैं । 

बुरहानपुर जिले में हो रहे इस कार्य से प्रदेश के अन्य  जिलों की महिलाओं को भी सामाजिक , आर्थिक सशक्तिकरण के लिए अभिनव प्रयोग करने की प्रेरणा मिलेगी , ऐसा विश्वास है ।

( लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं , संपर्क  :9424466269 )

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