घर कितना भी आलीशान बना हो, यदि वह आपको सुकून नहीं दे पाएं तो कुछ भी अच्छा नहीं लगता है. वास्तुदोष होने से ऐसा प्रतीत हो सकता है. दरवाजे खिड़की की दिशा, प्रवेश द्वार, पानी की बोरिंग, घर की आंतरिक साज सज्जा में इस्तेमाल किए जाने वाली सीनरी, वाल हैंगिंग, घड़ी, किचन, वाशरूम आदि और न जाने क्या क्या चीजें हैं जिनके कारण कीमती से कीमती मकान में भी वास्तुदोष आ जाता है.

घर, दुकान अथवा फैक्ट्री के निर्माण के वास्तुदोषों का बहुत ही विपरीत प्रभाव वहां पर रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य प्रगति आदि पर पड़ता है. अक्सर बहुत सी समस्याएं वास्तु दोष के कारण ही होती हैं और हम इन सबका कारण भी नहीं समझ पाते हैं, जब कभी किसी वास्तुशास्त्री का आपके घर पर आगमन होता है और वह निरीक्षण कर वहां के दोषों को इंगित करता है तब आपको बात समझ में आती है. फेंगशुई जो चीन की सबसे पुरानी विद्या है और पूरी दुनिया में इसके उपाय अपनाए जा रहे हैं तो देर किस बात की आप भी इन उपायों को करें.  

  • प्रवेश द्वार के सामने खंभा, गड्ढा या अन्य कोई दोष उत्पन्न हो रहा हो तो पाकुआ दर्पण लगाएं.
  • शयनकक्ष में यदि किसी भी प्रकार का कोई वास्तु दोष उत्पन्न हो रहा हो तो उस कक्ष की दीवार पर बागुआ यंत्र लगाएं.
  • घर में बीम दोष के प्रभाव को कम करने के लिए लाल रिबन में बांसुरी बांधकर बीम में टांगें, ध्यान रहें कि बांसुरी का मुंह नीचे की ओर हो.
  • घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए घर के प्रवेश द्वार पर विंड चाईम अर्थात पवन घंटी को टांगे.
  • शौचालय और स्नान एक ही रूप में हैं तो शौच वाली सीट ऊंची सतह पर रखें. ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम  हो जाता है.
  • भोजन कक्ष की दीवार पर दर्पण लगाएं.
  • घर में कांटेदार पौधे नहीं लगाने चाहिए.
Source : Agency