नई दिल्ली  
अगर आप अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हैं और डेली बेसिस पर इसकी ट्रैकिंग करते रहना चाहते हैं तो यह खबर आपके काम की है। दरअसल, बिस्किट बनाने वाली दिग्गज कंपनी ब्रिटानिया न्यूट्रीचॉइस ने लीडिंग टेक्नोलॉजी कंपनी एक्टिवो लैब्स के साथ पार्टनरशिप में अपना नया न्यूट्रीप्लस (NutriPlus) ऐप लॉन्च किया है। एक्टिवो लैब्स, डेटा बेस्ड हेल्थ सॉल्यूशन के प्रोडक्शन के लिए जाना जाता है। इस ऐप की सबसे खास बात है कि यह बिना किसी वियरेबल डिवाइस के उपयोग में लाया जा सकता है। यह ऐप आपके स्मार्टफोन की मदद से भी आपके फिजिकल एक्टिविटी और न्यूट्रीशन को ट्रैक और मैनेज कर सकता है। आइए जानते हैं क्या है इस ऐप की खासियत।

क्या है ऐप की खासियत
न्यूट्रीप्लस ऐप यूजर्स को उसके एक्सरसाइज, नींद की टाइमिंग और इसी तरह की दूसरी एक्टिविटी के बेस पर एक डेली न्यूट्रीस्कोर प्रोवाइड करता है जिससे आपको अपने स्वास्थ्य का पूरा अनुमान मिल जाता है। इस न्यूट्रीस्कोर से यूजर्स को अपनी सेहत के बारे में जानकारी मिलती रहती है जिससे वह समझ पाते हैं कि उन्हें कहां सुधार करने की जरूरत है। इसके अलावा, न्यूट्रीप्लस ऐप यूजर्स को एक वीकली हेल्थ एसेसमेंट भी प्रोवाइड करता है।

भारत के लाखों आम लोगों को होगा फायदा
लॉन्च के मौके पर ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर अमित दोशी ने कहा, “ब्रिटानिया न्यूट्रीचॉइस उन बढ़ते हुए ग्राहकों की जरुरतों को पूरा करता है जो स्कैनिंग के बेहतर विकल्पों की तलाश में रहते हैं। ग्राहक भारत में करोड़ों घरों तक पहुंचने वाले ब्रिटानिया न्यूट्रीचॉइस पैक्स पर दिए गए क्यूआर कोड को स्कैन करके न्यूट्रीप्लस ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। वहीं, इस अवसर पर एक्टिवो लैब्स के सीईओ और को-फाउंडर गौरव मुखर्जी ने कहा, “हम ब्रिटानिया जैसी कंपनियों को इनोवेटिव टेक्नोलॉजी सेक्टर में आगे बढ़ने के लिए मदद करते हैं।”
 
क्या कहती है आईसीएमआर की रिपोर्ट
बता दें कि हाल में ही इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में मेटाबॉलिक नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज (NCD) के प्रसार में बढ़ोतरी देखी गई। रिसर्च के अनुसार, अकेले 2021 में 101 मिलियन लोगों में डायबिटीज पाई गई जबकि 136 मिलियन लोग प्री-डायबिटीज के चरण में हैं। इसके अलावा, 315 मिलियन लोगों में हाई ब्लडप्रेशर और इसी तरह की दूसरी समस्याएं पाई गईं। इस ऐप के मदद से यूजर्स को तुरंत ऐसी किसी भी बीमारी का पता पहले ही चल जाएगा जिससे इसको बढ़ने से रोकने में मदद मिलेगी।

Source : Agency