MPPGCL में सी बी आई के बाद क्या अगली कार्यवाही ई डी की होगी ?

भोपाल : मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड ( MPPGCL) ऊर्जा उत्पादन करने वाली प्रमुख कंपनियों में शामिल है ।
यहां कोयले की जीपीएस मॉनिटरिंग , जिओ फेंसिंग , टिप्पर की सीलिंग , डिस्पैच परिवहन , गुणवत्ता को लेकर बहुत अनियमितताएं हुई हैं।

इन सभी गड़बड़ियों की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय , केंद्रीय कोयला मंत्री सहित विभिन्न जांच एजेंसियों को विगत कुछ माह में लगातार की गई। मध्य प्रदेश में भी मुख्यमंत्री , ऊर्जा मंत्री , लोकायुक्त ईओडब्ल्यू में शिकायत की गई । इन शिकायतों पर कार्रवाई चल रही है। इसी बीच सीबीआई ने एक कोल वाशरी में छापामार कार्यवाही की । सीबीआई की कार्यवाही के बाद भी गड़बड़ियों का सिलसिला नहीं रुक रहा है ।

सवाल यह है कि यदि इसी प्रकार अनियमिताएं जारी रही तो क्या आने वाले समय में प्रवर्तन निदेशालय (ई डी) अथवा अन्य कोई केंद्रीय जांच एजेंसी भी MPPGCL में कार्यवाही करेगी ?

उल्लेखनीय है कि नवम्बर 2025 में ई डी ने झारखंड, उड़ीसा सहित कुछ अन्य राज्यों में कोयला संस्थान में छापेमार कार्यवाही की है। ई डी ऐसी कार्यवाही मध्यप्रदेश की कोयला कंपनियों में भी क्यों नहीं कर सकती है ? इसके लिए ई डी को किसके आदेश का इंतजार है ?

यदि अचानक छापेमार कार्यवाही कर तथ्यों की निष्पक्ष जांच हो जाए तो यह उजागर हो जाएगा कि MPPGCL में कुछ अधिकारी और कोयला कंपनियों की मिलीभगत से लगातार अनियमितताएं हो रही है।

कोयला परिवहन,
GPS, सीलिंग और सैंपलिंग से लेकर Work Order के अहम क्लॉज का उल्लघंन किया जा रहा है। नियम विरुद्ध 23 लाख MT कोयला खुले बाजार में बिकवा दिया गया। सवाल यह है कि लगभग₹1000 करोड़ के महाघोटाले में MPPGCL प्रबंधन निष्पक्ष जांच कर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही कब करेगा ?

यहां यह बताना जरूरी है कि घुग्घुस स्थित महामाया कोल वॉशरी पर CBI की कार्यवाही के बाद यह माना जा रहा था कि अब नियम विरुद्ध होने वाले काम पूरी तरह बंद हो जाएंगे। ऐसा नहीं हुआ , गड़बड़ी अब भी हो रही है। नियमों का अब भी पूरी तरह पालन नहीं हो रहा है। इसका कारण MPPGCL के कुछ अधिकारियों द्वारा किया गया सुनियोजित भ्रष्टाचार है जिसमें MPPGCL के रेजिडेंट ऑफिसर Sanjay Matankar भी शामिल हैं। उन्होंने Work Order में लिखे एक-एक नियम का पालन हो रहा है अथवा नहीं ?

यह नहीं देखा और कोयले की खुली लूट का रास्ता खोल दिया। Work Order ने क्या जिम्मेदारी दी थी?

WO-WCL-Wash-TS-149 (दिनांक 02-09-2024) में यह स्पष्ट रूप से लिखा है कि MPPGCL का रेजिडेंट ऑफिसर निम्न जिम्मेदारियों के लिए उत्तरदायी होगा:
GPS Monitoring सुनिश्चित करेगा
Geo-fencing लागू करेगा
Time to time inspection करेगा
हर टिपर की sealing कराएगा
Quality, route और dispatch पर निरंतर निगरानी रखेगा
सूत्रों के अनुसार Sanjay Matankar ने इनमें से एक भी जिम्मेदारी का वास्तविक पालन नहीं किया।

Clause (v) – GPS Monitoring | Page No. 14
Work Order में स्पष्ट निर्देश:
हर टिपर GPS से जुड़ा होगा
Mine → Washery → Siding पूरा रूट geo-fenced होगा
Route deviation पर automatic alert बनेगा

हकीकत (जांच व दस्तावेज़ों के आधार पर):
बिना GPS जांचे टिपरों को माइंस में एंट्री दे दी गई
Geo-fencing कभी लागू ही नहीं की गई
किसी तरह की route-deviation report नहीं बनी
GPS logs / monitoring records उपलब्ध नहीं

परिणाम:
कोयला तय रूट से वॉशरी या साइडिंग तक पहुँचने के बजाय सीधे खुले बाजार में बेचा गया।

Point No. 13 (vi) – Time to Time Inspection | Page No. 16
Work Order का निर्देश:
अधिकारी समय-समय पर निरीक्षण करेंगे :
Surprise checks होंगे
Dispatch और Quality की physical जांच होगी

हकीकत:
एक भी वास्तविक inspection नहीं हुआ
कोई inspection note नहीं
कोई compliance report नहीं

नतीजा:
पूरा सिस्टम ऑपरेटर और ट्रांसपोर्टर के हवाले कर दिया गया।

Clause No. 19 – Vehicle Sealing | Page No. 29
Work Order की अनिवार्य शर्त:
हर टिपर dispatch से पहले सील होगा

हकीकत:
एक भी टिपर सील नहीं किया गया
बिना सील कोयला बाहर निकला
Coal swapping और diversion खुलकर हुआ

नतीजा:
ऊपर कागज़ों में अच्छा कोयला, नीचे हकीकत में मिट्टी-राख और डस्ट।

23 लाख MT कोयले पर “नो निगरानी”
(As per records available with News Agency)
WCL Sales Order / DO Sheet (Attached) क्रम
Mine / Area (WCL) DO No. Approx Quantity (MT)

1
Gondegaon OC
1110011536
40,000

2
Amlg. Kamptee
1110011539
40,000

3
Bhanegaon
1110011540
40,000

4
Singori
1110011541
40,000

5
Amlg. Kamptee
1110011947
35,000

6
Gondegaon OC
1110011948
69,929

7
Makardhokra-I OC
1110012291
44,415

8
Makardhokra-I OC
1110012333
39,960

9
Makardhokra-III OC
1110012335
29,970

10
Makardhokra-I OC
1110012498
19,980

11
Makardhokra-III OC
1110012499
9,989

12
Gondegaon OC
1110012500
10,643

13
Amlg. Kamptee
1110012501
23,095

14
Makardhokra-I OC
1110012613
12,548

15
Makardhokra-III OC
1110012784
3,189

16
Gondegaon OC
1110012866
9,402

17
Amlg. Kamptee
1110012868
25,000

18
Makardhokra-I OC
1110012870
25,000

19
Makardhokra-III OC
1110012873
2,449

20
Gondegaon OC
1110012875
1,724

21
Amlg. Kamptee
1110012954
25,000

22
Makardhokra-I OC
1110012955
24,950

23
Makardhokra-III OC
1110013011
24,950

कुल अनुमानित मात्रा: ~23 लाख मीट्रिक टन (WCL Washed Coal)

आरोप: DO submit हुए, लेकिन निगरानी शून्य
सूत्रों और उपलब्ध दस्तावेज़ों के अनुसार:
इन सभी Sales Order / DO WCL में submit किए गए
उसी अवधि में MPPGCL के रेजिडेंट ऑफिसर Sanjay Matankar साइट पर तैनात थे
टिपरों को माइंस में अनुमति दी गई, लेकिन:
GPS device verify नहीं किया गया
Geo-fencing activate नहीं की गई
Sealing का पालन नहीं हुआ
Random inspection एक बार भी नहीं हुई

यानी जिस अधिकारी को निगरानी करनी थी, उसने बिना जांच के ही कोयले का रास्ता खोल दिया।
स्थानीय लोगों और नाम नहीं बताने की शर्त पर कुछ कर्मचारियों ने बताया कि “अधिकारी साइट पर नजर नहीं आए ” इस पूरे मामले में जब तक निष्पक्ष जांच और दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं होती तब तक लगातार कोयला घोटाले से जुड़ी गड़बड़ी मीडिया के माध्यम से केन्द्रीय सतर्कता एजेंसी तक पहुंचाई जाएगी।

इस गड़बड़ी को रोकने के लिए GPS, Sealing, Inspection पर Forensic Audit तत्काल होना चाहिए। इस मामले से जुड़े सभी अधिकारियों की संपत्ति की जांच होना जरूरी है । इस संबंध MPPGCL प्रबंधन कब कड़ी कार्यवाही करेगा ? इसका इंतजार है

 

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