भोपाल : भोपाल बाईपास चार लेन परियोजना मार्ग पर एमपीआरडीसी द्वारा निवेशक ट्रांस्ट्राय (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के नाम से टोल वसूली करना नियम विरुद्ध है। यह वसूली जनता के साथ धोखाधड़ी है। टोल वसूली को तत्काल बंद किया जाए। दिसंबर 2019 से एमपीआरडीसी द्वारा जितना भी टोल वसूला गया है , वह सारी राशि वाहन मालिक को वापस की जाए।

पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने की है जो सदन से सड़क तक , कोर्ट कचहरी तक लगातार टोल टैक्स वसूली का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि टोल टैक्स वसूली में भारी अनियमितताएं हो रही है। सरकार हर सड़क पर टोल टैक्स वसूली कर रही है लेकिन मध्यप्रदेश के अनेक राजमार्ग ऐसे हैं जहां मेंटेनेंस नहीं हो रहा है।
जो लगातार टोल टैक्स वसूली कर रहे हैं उन्हें यह बताना होगा कि मेंटेनेंस के लिए जिम्मेदार कौन है?
यदि मेंटेनेंस की जिम्मेदारी तय नहीं है तो फिर टोल टैक्स किसलिए वसूल किया जा रहा है?
टोल टैक्स के नाम पर की गई वसूली का हिसाब और मेंटेनेंस में किए गए व्यय का हिसाब जनता के सामने आना चाहिए।
आखिर वो कौन लोग हैं जो सरकार के संरक्षण में टोल टैक्स से बड़ी रकम क्या रहे हैं?
पूर्व विधायक श्री सकलेचा ने इस संबंध में राज्य शासन के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा है।

मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव तथा प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी को लिखे पत्र में श्री सकलेचा ने उल्लेख किया कि भोपाल बाईपास के टोलगेट पर आज भी दोनों और निवेशक ट्रांसट्राय (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड का बोर्ड लगा है। जबकि 11 दिसंबर 2019 को निलंबित कर , कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया जा चुका है।
श्री सकलेचा ने कहा कि एमपीआरडीसी ने निवेशक को ब्लैक लिस्ट करने संबंधी पत्र में लिखा है कि इसे वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाय , ताकि ज्यादा से ज्यादा जनता को जानकारी हो सके। दूसरी और एमपीआरडीसी उसी निवेशक के नाम से टोल वसूल रही है।
श्री सकलेचा ने कहा कि कंपनी की आपसी सहमति से अनुबंध को निरस्त करने से एमपीआरडीसी को टोल वसूलने का अधिकार नहीं मिलता। अनुबंध में दी गई कंसेशन अवधि समाप्त होने पर , मार्ग के संधारण हेतु , राजपत्र में अधिसूचना के प्रकाशन के बाद ही टोल वसूला जा सकता है। लेकिन इस प्रकरण में निवेशकर्ता को निलंबित किया गया है , अवधि समाप्त नहीं हुई है।

श्री सकलेचा ने कहा कि इस सड़क के निर्माण में लगभग 250 करोड़ की राशि निवेशक ट्रांस्ट्राय द्वारा लगाई गई है। एमपीआरडीसी ने जब एक रूपया भी नहीं लगाया है , वह टोल किस अधिकार से वसूल रही है?
पूर्व विधायक ने कहा कि 11 दिसंबर 2019 को रात्रि 12:00 बजे तक कंपनी द्वारा टोल वसूलना तथा उसके ठीक एक क्षण बाद ही एमपीआरडीसी द्वारा टोल वसूलना किसी षड्यंत्रकारी मिलीभगत को उजागर करता है। इंडियन टोल एक्ट 1851 के अनुसार सड़क जनता की संपत्ति है , तथा टोल पब्लिक मनी है , शासन ट्रस्टी है , और सड़क से बेजा लाभ लेना गंभीर अपराध है।
श्री सकलेचा ने कहा की अवैध टोल वसूली के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। सारी वसूली गई टोल राशि वाहन मालिकों को वापस की जाए। नियम विरुद्ध सरकार की नाक के नीचे राजधानी भोपाल में टोल वसूली तत्काल बंद की जाए।
-अमिताभ पाण्डे




