गोपाल भार्गव : कुशल प्रशासक और संवेदनशील राजनेता 

बीमार, बेरोजगार से लेकर हर जरूरतमंद तक सबकी मदद करने वाले पूर्व मंत्री , वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव का आज 1 जुलाई को जन्मदिन है। इसे उनके समर्थक, शुभचिंतक उत्साहपूर्वक मना रहे हैं। वे लगातार नवीं बार विधानसभा का चुनाव जीतकर प्रदेश नहीं देश में कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं । रहली विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने श्री भार्गव पर पिछले 50 वर्षों से अधिक समय में जो विश्वास प्रकट किया है , ऐसा विश्वास किसी नेता को मिलना वर्तमान समय में बहुत मुश्किल लगता है।

 इसका कारण यह है कि वह अपने क्षेत्र के मतदाताओं की उम्मीद पर पूरी तरह खरे उतरे हैं। मतदाताओं की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।

श्री भार्गव ऐसे जनप्रतिनिधि हैं जो चुनाव के दौरान जनता के बीच नहीं जाते। वे ऐसे जनप्रतिनिधि हैं , जो 24 घंटे , 12 महीने , अपने क्षेत्र की जनता के संपर्क में रहते हैं। रहली विधानसभा के क्षेत्र के लोग उन्हें अपने परिवार का सदस्य, सुख दुख का साथी मानते हैं। 

श्री भार्गव ने रहली विधानसभा क्षेत्र में कन्याओं के सामूहिक विवाह की जो परंपरा शुरू की वह पूरे भारत में एक आदर्श उदाहरण बन गई है।  ऐसा इसलिए हुआ है कि अक्सर नेता सामूहिक विवाह सम्मेलनों का आयोजन तो करते हैं लेकिन खुद के बच्चों का विवाह ऐसे समारोह में करना पसंद नहीं करते। श्री भार्गव ने इस परंपरा को तोड़ा और अपने बच्चों का विवाह भी सामूहिक विवाह सम्मेलन में करके मिसाल कायम की। वह अब तक 20 हजार से अधिक कन्याओं का विवाह करवा चुके हैं। विवाह के बाद भी अपनी इन सभी बेटियों के प्रति जो जिम्मेदारी है , उसे लगातार पूरा कर रहे हैं। ये सभी बेटियां और उनके परिवारजन सुख-दुख में अपने धर्म पिता श्री भार्गव को जरूर याद करते हैं।

उल्लेखनीय है कि श्री भार्गव संवेदनशील राजनेता के साथ ही कुशल प्रशासक के रूप में राजनीति से लेकर प्रशासन के गलियारों में अपनी प्रभावी पहचान कायम कर चुके हैं। अपने 50 वर्षों से अधिक के राजनीतिक सफर में श्री भार्गव एक दर्जन से अधिक निगम मंडलों के अध्यक्ष और आधा दर्जन से अधिक विभागों के मंत्री रह चुके हैं। उन्हें मध्य प्रदेश विधानसभा के सर्वश्रेष्ठ मंत्री का पुरस्कार भी मिल चुका है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनके व्यक्तित्व और कृतित्व से भली भांति परिचित हैं। बरसों पहले श्री मोदी जब भाजपा संगठन को मजबूत करने के लिए देशभर का दौरा करते थे उन दिनों भी श्री भार्गव उनके संपर्क में रहे हैं। 

भारतीय संस्कृति , लोक संगीत और पुरानी परंपराओं को कायम रखने के उद्देश्य से श्री भार्गव ने रहली विधानसभा क्षेत्र में रहस मेला के नाम से एक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रारंभ किया । रहस मेला अब देशभर में अपनी जोरदार पहचान बन चुका है। इस क्षेत्र के लोगों को वर्ष भर इस सांस्कृतिक कार्यक्रम का इंतजार रहता है। 

यहां यह बताना भी दिलचस्प होगा कि पार्टी जब किसी नेता को विधानसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी घोषित करती है तो नेता अपने समर्थकों के साथ पूरे समय क्षेत्र में प्रचार करते रहते हैं।

यदि रहली विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां श्री गोपाल भार्गव गांव में चुनाव के दौरान प्रचार करने नहीं जाते। इस क्षेत्र के कई मतदाता चुनाव के दौरान उनके गढ़ाकोटा स्थित निवास पर पहुंचकर खुद कहते हैं कि ” आप प्रचार करने गांव मत आना , हम आपको भारी बहुमत से जिताएंगे। “

 मतदान के बाद जब परिणाम आता है तो ऐसा ही होता है । श्री भार्गव की जीत भारी बहुमत से होती है। इस जीत का कारण उनका अपने क्षेत्र के मतदाताओं से सदैव संपर्क में बने रहना है। श्री भार्गव अपने क्षेत्र के लिए जिस प्रकार समर्पित भाव से कार्य करते हैं वह अन्य नेताओं के लिए अनुकरणीय है। 

विधायक और मंत्री के रूप में जनता के बीच पिछले 50 वर्षों से अधिक समय से सक्रिय रहे श्री भार्गव ने ने संगठन और प्रशासन दोनों स्तर पर अपनी प्रतिभा को साबित कर दिखाया है।

श्री भार्गव की नेतृत्व क्षमता उन्हें राजनीति में नई ऊंचाइयों की ले जाएगी । पार्टी हाईकमान आनेवाले समय में श्री भार्गव के राजनीतिक, प्रशासनिक, सामाजिक, संगठनात्मक , धार्मिक, अनुभव का लाभ मध्यप्रदेश को और अधिक बेहतर जिम्मेदारी के साथ देगा । ऐसा शुभचिंतकों को विश्वास है। 

– अमिताभ पाण्डेय 

( लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं

संपर्क:9424466269 )

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