भोपाल।
मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल छिंदवाड़ा जिले के जुन्नारदेव क्षेत्र में मृत महिला के नाम पर की गई रजिस्ट्री इन दिनों इन दिनों चर्चा में है । यहां भी आदिवासी समुदाय सहित कमजोर वर्ग के लोगों की जमीन पर कब्जा करने के लिए नए नए तरीके आजमाए जा रहे हैं।
इस धंधे में जमीन का कारोबार करने वालों के साथ कुछ शासकीय अधिकारियों, कर्मचारियों की मिलीभगत है । यही कारण है कि अधिकारी, कर्मचारी पूरी कार्यवाही नियमानुसार नहीं कर रहे हैं।
इस मामले में जिस पक्ष के साथ अन्याय हुआ है , उसने पूरे दस्तावेज के साथ कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को शिकायत की है।
शिकायत में मृत महिला के नाम पर दूसरी महिला को खड़ी करके रजिस्ट्री करवाने में शामिल लोगों पर कार्रवाई की मांग की गई है।
इस पूरे प्रकरण में तत्कालीन तहसीलदार और उप पंजीयक की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं ।
इसका कारण यह है कि तहसीलदार के समक्ष रजिस्ट्री के लिए जब पक्षकार एकत्र हुए थे तब उनके बारे में पूरी तरह जांच पड़ताल क्यों नहीं की गई ?
उल्लेखनीय है कि छिंदवाड़ा जिले की जुन्नारदेव जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत कोआझिरी के सरपंच और सचिव ने दिनांक 5 अक्टूबर 2014 को यह लिख कर दिया था कि ‘” ललिता बाई यदुवंशी पति चेतराम यदुवंशी जाती गोली निवासी थाना कोआझिरी तहसील जुन्नारदेव जिला छिंदवाड़ा की मूल निवासी थी ।
ललिता बाई यदुवंशी की मृत्यु लगभग 10 वर्ष पूर्ण हो चुकी है। ‘”
इसी ललिता बाई के नाम पर जमीन की धोखाधड़ी करने वाले लोगों ने दूसरी महिला को खड़ा कर रजिस्ट्री करवा ली।
जब इसके बारे में प्रभावित पक्ष को पता चला तो उन्होंने इसकी शिकायत कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से की ।
शिकायत के बाद पुलिस ने अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है ।

वहीं दूसरी ओर जमीन घोटाले का खुलासा होने पर आरोपी पक्ष के लोग इस मामले में बचाव के रास्ते निकाल रहे हैं।
यहां यह बताना जरूरी होगा कि आवेदक गण मनोज , विनोद , अनीता , बबीता निवासी ग्राम सुकरी वार्ड नंबर 17 तहसील जुन्नारदेव ने अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत की है। शिकायत में बताया गया कि अनावेदक सतपाल और इंद्र सिंह चौहान ने ललिता बाई पति चेतराम यदुवंशी के नाम से बेनामा करवा लिया जबकि ललिता बाई की मौत तो 10 साल से भी अधिक समय के पहले हो गई है।
आवेदकों ने मांग की है कि सतपाल एक भू माफिया है जो की जमीनों को खरीदने बेचने का कारोबार करता है ।
इसने धोखाधड़ी करके एक ही जमीन की दोबारा से रजिस्ट्री करवा दी जिसकी निष्पक्ष जांच अवश्य होना चाहिए।
शिकायत के बारे में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। यदि पुलिस निष्पक्षता के साथ इस मामले की छानबीन करे तो कुछ पुराने मामले भी सामने आ सकते हैं।
– अमिताभ पाण्डेय