लेखक: लेफ्टिनेंट जनरल एमके दास
भारत के युवाओं के करियर विकल्पों में भारतीय सशस्त्र बलों, विशेषकर भारतीय सेना का स्थान सदैव शीर्ष पर रहा है। विभिन्न सर्वेक्षणों में यह तथ्य सामने आया है कि भारतीय सेना देश की सबसे विश्वसनीय संस्था बनी हुई है। संभवतः भारतीय सेना ही एकमात्र ऐसा संगठन है, जिसमें देश के लगभग 6.65 लाख गाँवों का प्रतिनिधित्व देखने को मिलता है। सेना की ग्रामीण पृष्ठभूमि ही वह कारण है, जिससे उसका देश के युवाओं से स्वाभाविक जुड़ाव बना हुआ है, जो भारत के कोने-कोने में फैले हुए हैं।
भारतीय रेल के बाद,लगभग 12 लाख की शक्ति के साथ, भारतीय सेना, देश का दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता है। वर्ष 2022 में शुरू की गई ‘अग्निपथ योजना’ ने उन युवाओं को विशेष रूप से आकर्षित किया है जो चार वर्षों तक भारतीय सेना में जीवन का अनुभव प्राप्त करना चाहते हैं। अग्निवीर अब उन क्षेत्रों से भी सेना में शामिल हो रहे हैं, जहाँ अब तक उत्तर भारत का दबदबा था। कई मायनों में, अग्निपथ योजना ने देश के एक बड़े वर्ग के युवाओं को सेना से जोड़ा है। चार वर्ष की सेवा के उपरांत अग्निवीरों के लिए उपलब्ध करियर विकल्पों की विविधता से यह योजना देश के हर कोने से युवाओं को आकर्षित कर रहे हैं ।
भारतीय सेना भारत के युवाओं में से सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओ को आकर्षित करने को अत्यधिक महत्व देती है। अग्निवीरों अथवा अधिकारी वर्ग के चयन की प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध है। युवाओं के अटूट विश्वास ने उन्हें सेना में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया है। मैंने देखा है कि प्रेरित युवा पात्रता की अंतिम सीमा तक सेना में शामिल होने का प्रयास करते रहते हैं। भारत में सेना की वर्दी के प्रति अत्यधिक जुनून है। चेन्नई स्थित अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (OTA) में मेरे ऐसे कैडेट रहे हैं जिन्होंने अधिकारी बनने के लिए 14 बार तक भी प्रयास किया है।
भारतीय सेना ‘कैच देम यंग’ (Catch Them Young) की नीति में विश्वास रखती है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सेना को देशभर में स्थित आर्मी पब्लिक स्कूलों और केंद्रीय विद्यालयों का सहयोग प्राप्त है, जो हमारे छावनी क्षेत्रों और सैन्य स्टेशनों में स्थित हैं। इन विद्यालयों का प्रबंधन सैन्य नेतृत्व द्वारा निर्देशित होता है, जिससे विद्यालयों को अनुशासन, नेतृत्व और देशभक्ति के मूल्यों का लाभ मिलता है। इसी प्रकार, सैनिक स्कूल और मिलिट्री स्कूल, जो देश के विभिन्न राज्यों में स्थित हैं, सेना के लिए एक समर्पित फीडर संस्थान के रूप में कार्य करते हैं। यह देखना उत्साहजनक है कि अब इन विद्यालयों में बालिकाओं की भागीदारी भी उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है।
इसके अलावा, सैन्य स्टेशनों के पास स्थित अन्य सरकारी और पब्लिक स्कूल शारीरिक प्रशिक्षण, परेड और बैंड प्रदर्शन के लिए सेवानिवृत्त रक्षा कर्मियों को नियुक्त करके अपने छात्रों के लिए मूल्यवर्धन करते हैं।
एक संगठन जिसने भारत में वर्दी के आकर्षण को जारी रखा है, वह है राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी)। 20 लाख कैडेटों की अनुमानित ताकत के साथ दुनिया का सबसे बड़ा युवा volunteer संगठन, एनसीसी भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मौजूद है। एनसीसी कैडेट भारत के स्कूलों और कॉलेजों से लिए जाते हैं और उन्हें अधिकारियों और भारतीय सेना के जवानो की एक समर्पित टीम द्वारा बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है। यहां तक कि जो एन सी सी कैडेट भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल नहीं हो पाते हैं, वो समाज में एक अनुशासित और प्रतिबद्ध नागरिक के रूप में काम करते हैं।
भारतीय सेना देश के युवाओं से जुड़ने के दो तरीके अपनाती है। पहला संस्थागत (institutionalized) तरीका है, जिसमें यूनिट, फॉर्मेशन और प्रतिष्ठान सेना मुख्यालय या कमांड मुख्यालय के निर्देशानुसार युवा संपर्क कार्यक्रम आयोजित करते हैं। उदाहरण के लिए, सेना दिवस परेड युवाओं से जुड़ने का एक प्रमुख अवसर है। यही कारण है कि अब सेना दिवस परेड देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित की जा रही हैं। सेना दिवस परेड 2026 जयपुर में आयोजित की जा रही है। इसके अलावा, विभिन्न कमांड सेना दिवस, गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस आदि पर औपचारिक समारोहों का आयोजन करती हैं, जिनमें युवाओं को बड़ी संख्या में आमंत्रित किया जाता है।
दिल्ली में आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय सेना का सबसे बड़ा दल शामिल होता है। दूसरा तरीका स्थानीय स्तर पर अपनाया जाता है, जहाँ स्थानीय कमांडर अपने विवेक के अनुसार युवाओं से जुड़ने की पहल करते हैं। इनमें स्थानीय युवाओं को सेना में भर्ती की तैयारी और मार्गदर्शन देना, परेड एवं बैंड प्रदर्शन आयोजित करना, देशभक्ति संगीत के माध्यम से प्रेरित करना, और विद्यालयों तथा महाविद्यालयों में हथियार एवं उपकरण प्रदर्शन शामिल हैं। स्थानीय सैन्य अधिकारियों द्वारा समुचित समन्वय किया जाता है ताकि युवाओं को भारतीय सेना के बारे में जानने और अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिले।
युवाओं को प्रेरित करने का एक सिद्ध और प्रभावी माध्यम रहा है, ऑपरेशन सद्भावना (Operation Sadbhavna) के तहत छात्रों के लिए आयोजित पर्यटन यात्राएँ। इन यात्राओं का उद्देश्य सीमावर्ती राज्यों जैसे जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर आदि के वंचित बच्चों को देश के प्रमुख शहरों का भ्रमण कराना है, जहाँ वे सामान्यतः नहीं जा पाते। इन बच्चों ,लड़कों और लड़कियों को विभिन्न सैन्य प्रतिष्ठानों का दौरा कराया जाता है, और वे अपने अनुभव अपने साथियों के साथ साझा करते हैं। इस प्रकार की यात्राएँ देश के उन क्षेत्रों में सेना की सीमित उपस्थिति की कमी को पूरा करती हैं और युवाओं को मुख्यधारा भारत से जोड़ने में अत्यंत प्रभावी सिद्ध हुई हैं।
भारतीय सेना खेल प्रतिभा के क्षेत्र में भी युवाओं को प्रोत्साहित करती है। आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टिट्यूट (Army Sports Institute) तथा अन्य खेल संस्थान विभिन्न कमांडों में प्रतिभाशाली युवाओं को प्रशिक्षण देने का कार्य करते हैं, ताकि वे सेना और देश के लिए गौरव प्राप्त कर सकें। अनेक खिलाड़ियों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया है-नीरज चोपड़ा द्वारा जेवलिन थ्रो में दो ओलंपिक पदक प्राप्त करना इसका नवीनतम उदाहरण है। कई खेल विधाओं में भारतीय सेना प्रतिभाशाली युवाओं को खेल कौशल के आधार पर भर्ती होने और उच्चस्तरीय प्रशिक्षण पाने का अवसर प्रदान करती है।
अब जब महिलाओं के लिए सेना में अधिक अवसर खुले हैं, तो श्रेष्ठ महिला प्रतिभाओं को आकर्षित करने पर और अधिक बल दिया जा रहा है। महिलाएँ अब राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) तथा अन्य अकादमियों में बड़ी संख्या में शामिल होकर कमीशंड अधिकारी बन रही हैं। इसके अतिरिक्त, वे कॉर्प्स ऑफ मिलिट्री पुलिस (CMP) में सैनिक के रूप में भी भर्ती होकर उत्कृष्ट सेवा प्रदान कर रही हैं। महिलाएँ आर्मी मेडिकल कोर (AMC) में चिकित्सक के रूप में भी उल्लेखनीय भूमिका निभा रही हैं। मिलिट्री नर्सिंग सर्विस (MNS), जो पूरी तरह महिलाओं की संस्था है, हाल ही में अपनी सेवा के 100 वर्ष पूरे किए हैं जो समर्पण और सेवा का अनोखा प्रतीक है।
भारतीय सेना ने युवाओं से जुड़ने के लिए सोशल मीडिया को भी प्रभावी रूप से अपनाया है। उच्चस्तरीय संगठन और प्रमुख प्रतिष्ठानों के अपने समर्पित सोशल मीडिया हैंडल्स हैं। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया सेना की प्रमुख घटनाओं, सेमिनारों और गतिविधियों को व्यापक कवरेज देता है, जबकि राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रिंट मीडिया भी सेना की खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित करता है। राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक हितों के मुद्दे टीवी चैनलों पर व्यापक रूप से चर्चा में रहते हैं तथा राष्ट्रीय समाचार पत्रों में इस विषय पर विचार लेख भी प्रकाशित होते हैं। आज अनेक पुस्तकें और पत्रिकाएँ युवाओं को राष्ट्रीय सुरक्षा, युद्धकला और सैन्य इतिहास से अवगत कराती हैं।
भारतीय सेना राष्ट्र सेवा में सर्वश्रेष्ठ करियर प्रदान करती है-ऐसा जीवन जो अनुशासन, चरित्र और देशभक्ति पर आधारित है। भारतीय सेना को यह सौभाग्य प्राप्त है कि वह देश की सर्वोत्तम प्रतिभा को आकर्षित करती है और उन्हें विश्व के सर्वश्रेष्ठ सैनिकों के रूप में तैयार करती है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों की अद्भुत सफलता इस बात का प्रमाण है कि भारतीय सेना युद्धकला में विश्व में सर्वोत्तम है।
भारतीय सेना अपने गौरवशाली इतिहास, सुदृढ़ रेजिमेंट प्रणाली और ‘वूम टू टूम’ (Womb to Tomb) देखभाल की प्रतिबद्धता पर गर्व करती है। राष्ट्र के युवाओं को सेना में देशभक्ति, साहस और सर्वोच्च बलिदान के आदर्श साकार रूप में दिखाई देते हैं।यह जुड़ाव निरंतर अटूट होता रहे, ताकि यह देश के युवाओं को प्रेरित करे कि वे ‘Service Before Self’ के आदर्श के साथ भारतीय सेना में शामिल होकर राष्ट्र की सेवा करें।
लेखक पीवीएसएम, एसएम, वीएसएम (सेवानिवृत्त) हैं।





