भोपाल।

भोपाल के पत्रकारों के एक दल ने आज पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक कॉलेज के पंचकर्म सुपरस्पेशलिटी एवं वेलनेस सेंटर का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान पत्रकार दल को पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राचार्य डॉ. उमेश शुक्ला ने यहां पर उपलब्ध सुविधाओं के बारे विस्तार से जानकारी दी।
श्री शुक्ला ने कहा भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार की मंशानुरूप प्रदेश में वैलनेस टूरिज्म बढ़ावा देने के लिए आयुष विभाग द्वारा पंचकर्म एवं वैलनेस केन्द्र की स्थापना प्रदेश के मुख्य पर्यटन स्थलो में की जा रही है, इसका उद्देश्य वेलनेस टूरिज्म को बढ़वा देना एवं पर्यटन के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य की रक्षा हेतु स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना है। इसी तारतम्य में आयुष विभाग के प्रदेश के पहले पंचकर्म सुपर स्पेशलिटी एवं वैलनेस केन्द्र की स्थापना पण्डित खुशीलाल शर्मा, शासकीय स्वशासी आयुर्वेद संस्थान, कलियासोत डैम के समीप की गई है। उपरोक्त केन्द्र में प्रकृति की गोद में आयुर्वेद की प्रमुख विधियों द्वारा जैसे- नाड़ी परीक्षा/प्रकृति परीक्षण के साथ-साथ आधुनिक जांच के आधार पर शरीर की डिटोक्सीफिकेशन हेतु पंचकर्म के विभिन्न क्रियाओं के साथ-साथ योगाभ्यास प्रातः एवं सायंकाल कराया जाता है। केन्द्र में मध्यप्रदेश पर्यटन निगम से किये गए एम.ओ.यू. के आधार पर पर्यटन विभाग आयुर्वेदिक आहार के साथ-साथ केन्द्र की हाउस किपिंग तथा सफाई का प्रबंधन कर केन्द्र में जाने पर स्वच्छ वातावरण शुद्धता की अनुभूति कराता है, केन्द्र के समीप मनोहारी प्राकृतिक झील के पास बैठकर योग एवं ध्यान क्रिया द्वारा मानसिक शांति की अनुभूति की जा सकती है। प्रदेश के अन्य पर्यटन स्थलों पर भी इसी प्रकार के केन्द्र की स्थापना किये जाने की आयुष विभाग द्वारा योजना तैयार की जा रही है जिससे संपूर्ण प्रदेश में वैलनेस टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा सके।
मीडिया दल से बातचीत करते हुए पीआईबी, दिल्ली के सहायक निदेशक डॉ. अरुण कुमार सिंह ने आयुष मंत्रालय, भारत सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और कहा कि आयुष चिकित्सा पद्धति को मुख्य धारा में लाने और उसको लोकप्रिय बनाने के लगातार प्रयास हो रहे हैं।
पत्रकार दल से बातचीत करते हुए डॉ. राजीव मिश्रा, स्टेट प्रोग्राम मैनेजर, नैशनल आयुष मिशन ने कहा कि आयुष मंत्रालय, भारत सरकार अंतर्गत राष्ट्रीय आयुष मिशन द्वारा आयुष चिकित्सा पद्धति को मुख्य धारा में लाने हेतु वित्तीय पोषण (केन्द्रांश 60 प्रतिशत एवं राज्यांश 40 प्रतिशत अनुदान।) राज्य सरकार को प्रदान किया जाता है।
डॉ. राजीव मिश्रा ने कहा कि राष्टीय आयुष मिशन योजना के अंतर्गत बहुत सारी गतिविधियां की गई हैं जिनमें राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना अंतर्गत 23 आयुष अस्पतालों और 1773 आयुष औषधालयों के उन्नयन, 286 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, 101 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और 36 जिला अस्पतालों में आयुष सुविधाओं की सह-स्थापना (आयुष विंग) (इसके अतिरिक्त 22 आयुष विंग की स्थापना वर्ष 2025 के अंत में की जाएगी) के द्वारा सार्वभौमिक पहुंच सहित लागत प्रभावी आयुष सेवायें प्रदान करना जैसी गतिविधियां शामिल हैं। इसके अतिरिक्त 800 आयुष्मान आरोग्य मंदिर आयुष (HWC) के माध्यम से समग्र स्वास्थ्य प्रदान करना, 09 आयुष शैक्षणिक संस्थानों, संस्थागत क्षमता को सुदृढ़ करना, अधोसंरचना विकास एवं शोध हेतु सहायता, एन एच पी 2017 के अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य मे आयुष की भूमिका को बढावा देना जैसी गतिविधियां भी शामिल हैं।
– अमिताभ पाण्डेय