आकाशवाणी की शब्दांजलि में पर्यावरण पर कविताएं 

भोपाल।

पर्यावरण के महत्व को अधिक प्रचारित करने के उद्देश्य से आकाशवाणी भोपाल में गत दिवस शब्दांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सभी रचनाएं पर्यावरण पर केंद्रित रहीं। इस कवि गोष्ठी में नविता जौहरी,  राजीव रजनीश ,  दीपक पगारे और कवयित्री सीमा शिवहरे ने अपनी रचनाओं का जादू बिखेरा। कार्यक्रम का संचालन साहित्य अकादमी से पुरस्कृत कवि दीपक पगारे ने किया।

इस मौके पर नविता जौहरी ने पर्यावरण का महत्व अपनी कविताओं में बताया। उन्होंने अपनी रचना पढ़ी  “जिससे है सांसों की सरगम, प्रकृति की शोभा है अनुपम। कण कण है जिससे अनुप्राणित, क्यूं उसको बिसराए तुम हम”    

नविता ने इन पंक्तियों के माध्यम से प्रकृति की सुंदरता का उल्लेख किया।  “ऐसी तहजीबों तरक्की से क्या हासिल, जब इंसान हो जाए खुद कुदरत का कातिल”  कविता से नविता ने पर्यावरण को सहेजने का संदेश दिया।

इस बाद बारी दीपक पगारे की थी। उन्होंने अपनी रचना “पहाड़ तुम इतने कमजोर निकले”   के द्वारा विकास की आड़ में खोखले होते पर्वतों की समस्या का जिक्र किया। नदी और नाव के रिश्ते का जिक्र करती श्री पगारे की कविता “उस दिन बहुत रोई थी नाव, जब दम तोड़ रही थी नदी तड़प तड़प कर। नदी की धार से तीखी थी उसके आंसुओं की धार, और खारी समुंदर से भी ज्यादा” सुनने वालों ने काफी पसंद की।

शब्दांजलि में सीमा शिवहरे ने मुक्तक “प्रकृति की कहानी है, सुनो खुद की जुबानी है, हरी जो तुमको दिखती हूं, पिया की मेहरबानी है”  से प्रकृति संरक्षण का संदेश दिया। “कविता तुम भी दिल को लगाकर चले जाओगे, मेरी नींदें उड़ाकर चले जाओगे, इक मुसाफिर कभी जाके लौटा नहीं, हाथ तुम भी हिलाकर चले जाओगे” कविता भी सीमा शिवहरे ने सुनाई।

वरिष्ठ कवि, गीतकार राजीव लोचन श्रीवास्तव ” राजीव रजनीश ”  ने – “वृक्ष जो देते हैं हमें जीवन, कहलाते हैं जीवनदाता, भले ही वे न जानते हों, ये हम जानते हैं” कविता से वृक्षों का महत्व उच्चरित किया। “फूलों से गंध मिली हमको, वृक्षों से मिली कुछ तरुणाई, अक्षर अक्षर ब्रह्मांड हुआ, शब्दों ने रची फिर चौपाई” कविता के गायन से उन्होंने उपस्थित श्रोताओं की खूब तालियां बटोरीं।  “जिंदगी में हर तरफ अमराइयां हैं, हम अगर नादान हैं तन्हाइयां हैं”  शेर भी राजीव रजनीश ने पेश किया।

कार्यक्रम के आरम्भ में उपमहानिदेशक आकाशवाणी यशवंत चिवंडे ने  उद्बोधन दिया ।पर्यावरण पर केंद्रित इस कवि गोष्ठी में कवयित्री नविता जौहरी, कवि राजीव रजनीश , कवि दीपक पगारे और कवयित्री सीमा शिवहरे ने अपनी रचनाओं का जादू बिखेरा। कार्यक्रम का संचालन कवि दीपक पगारे ने किया।

नविता जौहरी ने अपनी कविताओं में जिससे है सांसों की सरगम, प्रकृति की शोभा है अनुपम। कण कण है जिससे अनुप्राणित, क्यूं उसको बिसराए तुम हम से प्रकृति की सुंदरता का उल्लेख किया। ऐसी तहजीबों तरक्की से क्या हासिल, जब इंसान हो जाए खुद कुदरत का कातिल कविता से नविता ने पर्यावरण को सहेजने का संदेश दिया।

दीपक पगारे ने पहाड़ तुम इतने कमजोर निकले कविता के द्वारा विकास की आड़ में खोखले होते पर्वतों की समस्या का जिक्र किया। नदी और नाव के रिश्ते का जिक्र करती कविता “उस दिन बहुत रोई थी नाव, जब दम तोड़ रही थी नदी तड़प तड़प कर। नदी की धार से तीखी थी उसके आंसुओं की धार, और खारी समुंदर से भी ज्यादा” सुनने वालों ने काफी पसंद की।

सीमा शिवहरे ने मुक्तक प्रकृति की कहानी है, सुनो खुद की जुबानी है, हरी जो तुमको दिखती हूं, पिया की मेहरबानी है से प्रकृति संरक्षण का संदेश दिया। कविता तुम भी दिल को लगाकर चले जाओगे, मेरी नींदें उड़ाकर चले जाओगे, इक मुसाफिर कभी जाके लौटा नहीं, हाथ तुम भी हिलाकर चले जाओगे कविता भी सीमा शिवहरे ने सुनाई।

राजीव रजनीश ने वृक्ष जो देते हैं हमें जीवन, कहलाते हैं जीवनदाता, भले ही वे न जानते हों, ये हम जानते हैं कविता से वृक्षों का महत्व उच्चरित किया। फूलों से गंध मिली हमको, वृक्षों से मिली कुछ तरुणाई, अक्षर अक्षर ब्रह्मांड हुआ, शब्दों ने रची फिर चौपाई कविता के गायन से उन्होंने उपस्थित श्रोताओं की खूब तालियां बटोरीं।  जिंदगी में हर तरफ अमराइयां हैं, हम अगर नादान हैं तन्हाइयां हैं शेर भी राजीव लोचन ने पेश किया।

 कार्यक्रम के आरंभ में आकाशवाणी के उप महानिदेशक यशवंत चिवंडे ने कविता के महत्व को रेखांकित किया. 

कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन कार्यक्रम प्रमुख राजेश भट ने किया। आयोजन में आकाशवाणी भोपाल के केंद्र प्रमुख यशवंत एच चिवंडे, उपमहानिदेशक अभियांत्रिकी, अजीम अहमद हाशमी, उपनिदेशक अभियांत्रिकी, राजेश भट, कार्यक्रम प्रमुख के साथ ही अन्य अधिकारी कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में आमंत्रित श्रोता उपस्थित रहे।

इस कार्यक्रम ल प्रसारण आकाशवाणी भोपाल पर और मोबाइल एप्प “न्यूज़ ऑन ए आई आर” और DTH के ऑडियो चैनल पर आज मंगलवार को सुबह 9.30 बजे सुना जा सकेगा.

– अमिताभ पाण्डेय

Related Posts

राइटर्स राइट डे पर रीडर्स क्लब ने किया विमर्श

भोपाल।  आधुनिक तकनीकी और सोशल मीडिया के दौर में रचनात्मक स्वतंत्रता की सुरक्षा और कॉपी राइट जैसे मुद्दे गौण होते जा रहे हैं।  यह विचार आज रीडर्स क्लब द्वारा राइटर्स…

राशन वितरण प्रणाली बेहतर हो : दिग्विजय सिंह

भोपाल।  राज्यसभा सांसद एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को एक पत्र लिखकर एकमुश्त राशन वितरण में गुणवत्ता, पारदर्शिता…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *