भारत के सांस्कृतिक राजदूत : श्री श्री रविशंकर

अवजानन्ति मां मूढा मानुषीम
तनुमाश्रितम ।
परम भावमजानन्तो मम भूतमहेश्वरम ।।

 

श्रीमद् भगवत गीता का उपरोक्त श्लोक बताता है कि मनुष्य रूप में विचरते हुए मुझ परमेश्वर को लोग साधारण मनुष्य मानते हैं जबकि मनुष्य में ही ईश्वर का वास है ।
सचमुच श्री श्री रविशंकर को देखने – सुनने – समझने से उनकी अदभुत ईश्वरीय शक्ति का एहसास होता है।
वे अपने चाहने वाले श्रद्धालुजनों के लिए भगवान का अवतार हैं । उन्होंने शांत और सुखमय जीवन जीने की कला आमजन तक पहुंचाने के लिए, सबके व्यक्तित्व विकास के लिए आर्ट ऑफ लिविंग ( ए ओ एल ) की स्थापना की । यह ऐसा कार्यक्रम है जिससे पिछले लगभग 40 वर्षों में 152 से अधिक देशों में 38 करोड़ से ज्यादा लोग जुड़े हैं।इसका मुख्यालय बैंगलुरू में है।
उल्लेखनीय है कि परम पूज्य श्री श्री रविशंकर का जन्म 13 मई 1956 को तमिलनाडु राज्य के पापनासम शहर स्थित एक संपन्न परिवार में हुआ ।
अल्प आयु से ही यह स्पष्ट था कि वह एक आध्यात्मिक जीवन जीने के लिए इस दुनिया में आए हैं।
केवल 4 वर्ष की छोटी सी आयु में आपको गीता के सारे श्लोक कंठस्थ हो गए ।
बचपन में घंटों ध्यान में बैठना और पूजा करना आपको बहुत प्रिय था।
शाला अध्धयन करते हुए कई बार वे अपने सहपाठियों से कहते ” दुनिया भर के लोग मेरी प्रतीक्षा कर रहे हैं । मैं उनसे एक दिन मिलने जरूर जाऊंगा ।

उनके पहले गुरु श्री सुधाकर चतुर्वेदी थे जिनका महात्मा गांधी के साथ बहुत लंबा सहयोग रहा। पूज्य श्री श्री ने वैदिक साहित्य और भौतिक विज्ञान दोनों में डिग्री ली है। मात्र 17 वर्ष की आयु में श्री श्री रविशंकर ने आधुनिक विज्ञान और वेदों का अध्ययन किया।
उसके बाद आपने एकांत साधना और संत संगति में कुछ साल बिताए ।
वर्ष 1982 में श्री श्री रविशंकर को सुदर्शन क्रिया प्राप्त हुई । उन्होंने इसे श्रद्धावान लोगों को सिखाना प्रारंभ किया। इसके लिए उन्होंने देश-विदेश की यात्राएं की।
सुदर्शन क्रिया के माध्यम से लोगों को चिंतामुक्त होने और तनाव से मुक्ति का मार्गदर्शन श्री श्री रविशंकर लगातार कर रहे हैं। गुरु जी के अनुसार व्यक्तिगत साधना , सामाजिक सेवा और सामूहिक सत्संग , जीवन को सुंदर बनाने के तीन प्रमुख स्तंभ हैं ।
श्री श्री रविशंकर “आर्ट ऑफ लिविंग ” फाउंडेशन के प्रणेता हैं ।
यह एक गैर सरकारी संगठन है। श्री श्री रविशंकर अनेक मानवतावादी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के प्रेरणा स्रोत हैं ।
यह संस्थाएं सेवा और मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देती हैं ।
प्रेम और आनंद का विस्तार करती हैं ।
अपने संबोधन में पूज्य श्री श्री रविशंकर कहते हैं
” आप स्वयं से पूछिए मैं किस तरह से अपने आसपास के लोगों के लिए उपयोगी साबित हो सकता हूं ?
पूज्य गुरुदेव अपने निस्वार्थ प्रेम एवं ज्ञान के प्रकाश से लाखों अंधकार से भरे लोगों के जीवन में उत्साह का ला रहे हैं।
मानव जीवन प्रेम और आनंद के लिए है , इस बात का अनुभव पूज्य श्री श्री रविशंकर के सानिध्य में आने से सहज ही होता है।
श्री श्री रविशंकर के सत्संग में आने वाले स्त्री , पुरुष , बालक, वृद्ध , आस्तिक ,नास्तिक, हिंदू मुस्लिम , विभिन्न धार्मिक विचारधारा से प्रभावित व्यक्तियों ने अपने हृदय में हमेशा एक नए प्रेम और जागृति का अनुभव किया है ।
आनंदमय शांति, शुभ युक्त समृद्धि , हर समय श्री श्री रविशंकर के संरक्षण में , उनके आशीर्वाद में, उनके सानिध्य में हमेशा महसूस की जा सकती हैं।
आर्ट ऑफ लिविंग के माध्यम से दुनिया भर में भारतीय संस्कृति को प्रतिष्ठित कर रहे जगतगुरु श्री श्री रविशंकर के चरणों में हम अपना प्रणाम निवेदित करते हैं। पूज्य श्री श्री रविशंकर भारत के सांस्कृतिक राजदूत हैं ।
धर्म प्रेमी, श्रद्धावान नागरिकों की ऊर्जा का वे केंद्र बिंदु है ।
उनका दर्शन – चिंतन हमारे लिए शांति – प्रगति – सद्भाव का प्रतीक है ।
उनके सानिध्य में हम धर्मपथ पर अद्भुत आनंद अनुभव करते हैं। देश दुनिया के युवाजनों को श्री श्री रविशंकर की शिक्षाएं अनुकरणीय लगती हैं। प्रेरणादायक लगती हैं ।
यही कारण है कि आज दुनिया भर में श्री श्री रविशंकर द्वारा स्थापित आर्ट ऑफ लिविंग प्रोग्राम में बड़ी संख्या में युवाओं के समूह जुड़े हुए हैं ।
आर्ट ऑफ लिविंग प्रोग्राम जीवन जीने की ऐसी कला है जो हमारे व्यक्तित्व को और अधिक श्रेष्ठ बनाती है।
आर्ट ऑफ़ लिविंग के माध्यम से देश-विदेश में ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण ,पर्यावरण संरक्षण, आपदा राहत के अनेक कार्यक्रम लगातार चलाए जा रहे हैं ।
आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षक शैक्षणिक संस्थानों ,धार्मिक स्थलों, विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं के साथ ही कारागार में बंदी कैदियों के लिए भी धार्मिक एवं व्यक्तित्व विकास के कार्यक्रम चला रहे हैं ।
ऑफ़ लिविंग के प्रोग्राम से जुड़ने के बाद लोगों ने अपने व्यवहार और विचारों में आए बदलाव को महसूस किया है इधर मध्य प्रदेश में भी आर्ट ऑफ लिविंग की गतिविधियां पिछले लगभग 30 वर्षों से जबलपुर ,इंदौर ,भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर, सागर सहित अन्य कई गांव शहरों में लगातार चल रही है।
भोपाल में श्री श्री रविशंकर के विचारों को आर्ट ऑफ लिविंग विभिन्न कार्यक्रम के माध्यम से अजीत भास्कर , धर्मेंद्र डंग, पूनम भार्गव, लता – लोकेन्द्रसिंह कोट , जैसे अनेक समर्पित स्वयंसेवक श्रद्धावान लोगों तक पहुंचा रहे हैं।
आईए हम सब मिलकर पूज्य श्री श्री रविशंकर को उनके जन्मदिन हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए जन्मोत्सव के आनंद में शामिल हो जाएं ।
पूज्य श्री श्री रविशंकर के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में 13 मई से 18 मई तक प्रतिदिन शाम 6 बजे से 9 बजे तक भोपाल में भी हैप्पीनेस प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है।
इस प्रोग्राम में शामिल होने के लिए मोबाइल नंबर 94247 96750 और 98260 24984 पर बात करके निशुल्क पंजीकरण किया जा सकता है।


( लेखक अमिताभ पाण्डेय स्वतंत्र पत्रकार हैं , संपर्क: 9424466269 )

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