
क्या केवल 1,000 रुपये का निवेश कृषि के क्षेत्र में क्रांति ला सकता है ? किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर कर सकता है ?फसल उत्पादन को बढ़ा सकता है ?
क्या कोई ऐसी योजना है जिसमें किसान कृषक उत्पादक संगठन (एफ पी ओ) के माध्यम से मात्र एक हजार रुपए लगाकर करोड़ों रुपये कमा सकते हैं ?
इन सवालों का जवाब कृषि के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था बेस्ट केयर से मिल सकता है।
बेस्ट केयर का विकसित किया हुआ ‘स्मार्ट एफपीओ’ मॉडल, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को अप्रत्याशित मुनाफा और ग्रामीण बदलाव ला सकता है।
यह अविश्वासनीय है, लेकिन बेस्ट केयर टीम के वरिष्ठ कृषि विशेषज्ञों के अनुसार यह संभव है। बात और अविश्वसनीय है कि इस एक हजार रुपए से सैकड़ों नौकरी पैदा हो सकती है, और हजारों परिवारों को बेहतर जिंदगी और समृद्धि प्राप्त हो सकती है।
इस अविश्वसनीय को सच मे बदलने हेतु बेस्ट केयर ने एक अद्भुत प्लान तैयार किया है जिसका विवरण सोशल मीडिया साइट लिंकड़इन पर साझा किया गया है।
यह मामला कृषि क्षेत्र से जुड़ा है, क्योंकि कृषि ही एकमात्र क्षेत्र है जिसमे एक बीज बोएं तो 3 से 6 महीने मे एक हजार बीज मिल सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि कृषि क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है, और इसी कारण देश मे दस हजार कृषक उत्पादक संगठन (एफ पी ओ) बनाने की योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विगत 28 फरवरी 2020 को चित्रकूट में की। अब तक दस हजार से अधिक एफ़पीओ बन चुके है, लेकिन इनमे से 90% सही मार्गदर्शन के अभाव मे बंद होने के कगार पर है।
बेस्ट केयर के विशेषज्ञों ने इन एफ़पीओ को वापस जीवंत और ऊर्जावान बनाने के लिए स्मार्ट एफ़पीओ की कार्ययोजना तैयार की है। उनका दावा है की छह माह में एक स्मार्ट एफ़पीओ बनाया जा सकता है, जो आगे जाकर दो वर्षो मे 10 करोड़ से अधिक का लाभ कमा सकता है।
ज्ञातव्य हो की सरकार द्वारा वर्तमान मे एक एफ़पीओ बनाने के लिए 58 लाख रुपए तक का अनुदान दिया जा रहा है, उसके बावजूद भी 90% से अधिक एफ़पीओ असफल है । बेस्ट केयर ने इन्ही एफ़पीओ को मात्र एक हजार रुपए मे वापस जीवंत करने का एक अद्भुत प्लान तैयार किया है और स्मार्ट एफ़पीओ बनने के लिए इच्छुक एफ़पीओ के लिए एक ऑनलाइन आवेदन तैयार किया है।
बेस्ट केयर के संयोजक शाजी जॉन के अनुसार एक डूबे हुए एफ़पीओ (या नए एफ़पीओ) को स्मार्ट एफ़पीओ मे परिवर्तित करने मे 4 से 6 माह का समय लगेगा। इस अवधि के खर्चों के लिए लगभग रु 10 लाख की आवश्यकता होगी। बेस्ट केयर के योजना अनुसार यदि कोई निवेशक किसी एफ़पीओ मे ये शुरुआत के लिए आवश्यक दस लाख रुपए लगाने को तैयार हो जाये, तो दूसरे वर्ष से एफ़पीओ मे प्राप्त होने वाले लाभ का 5% से 10% लाभ निवेशक को प्राप्त हो सकता है।
स्मार्ट एफ़पीओ के मॉडल के अनुसार यह स्मार्ट एफ़पीओ पहले वर्ष मे 1 करोड़, दूसरे वर्ष मे 12 करोड़, तीसरे वर्ष मे 20 करोड़ से अधिक लाभ कमाने की क्षमता रखता है। इसमें होने वाले लाभ के 10% के अनुसार निवेशक 10 लाख रुपए लगाकर 3 वर्षों मे तीन करोड़ रुपए से अधिक कमा सकते है।
श्री शाजी जॉन द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किए गए अपने प्लान के अनुसार वो एक तरफ एक निवेशकों का पूल तैयार कर रहे है । दूसरी तरफ वो स्मार्ट एफ़पीओ मे परिवर्तित होने के इच्छुक एफ़पीओ का एक पूल तैयार कर रहे है। बेस्ट केयर इन दोनों पूल के बीच मध्यस्थता करेगा और निवेशक द्वारा चयनित एफ़पीओ के साथ मिलकर उस एफ़पीओ को स्मार्ट एफ़पीओ मे परिवर्तित करने के लिए आगे काम करेगा।
कृषि विशेषज्ञ शाजी जॉन के अनुसार निवेशकों को उनके द्वारा एफ़पीओ मे किए जा रहे निवेश पूरी तरह सुरक्षित रहेगी, और इसकी ज़िम्मेदारी बेस्ट केयर लेगी।
नाबार्ड, एस एफ़ ए सी जैसे सरकारी तंत्र जो काम 58 लाख रुपए मे नहीं कर पा रहे है, वो बेस्ट केयर द्वारा एफ़पीओ से सिर्फ 1000 रूपए लेकर करें, ये वाकई मे आश्चर्य जनक है। श्री शाजी जॉन के अनुसार एक स्मार्ट एफ़पीओ तीन वर्षों मे 500 से अधिक नए नौकरियाँ के साथ क्षेत्र के 2000 से अधिक महिलाओं को लखपति दीदी बना सकती है।
अपनी खबर से चर्चा करते हुए उन्होने यह भी दावा किया की ये स्मार्ट एफ़पीओ अपने क्षेत्र के 5000 एकड़ से अधिक भूमि मे जैविक / प्रकृतिक खेती कर जलवायु परिवर्तन, मृदा एवं जल संरक्षण मे सक्रिय भागीदारी निभा सकते हैं। यदि बेस्ट केयर का यह प्रयोग सफल होता है, तो यह देश के कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी और जलवायु परिवर्तन, बढ़ती बेरोजगारी से निपटने का यह एक बहुत कारगर तरीका बन सकता है।
– अमिताभ पाण्डेय