रहली , सागर या भोपाल , सबमें सहयोगी हैं गोपाल

( अमिताभ पाण्डेय)
राष्ट्रवादी विचारधारा के अग्रदूत पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था कि समाज के पीड़ित , कमजोर , वंचित वर्ग के लोगों की सेवा करना ही सबसे बड़ा धर्म है। उनकी इस विचारधारा को पंडित गोपाल भार्गव ने अपने जीवन का ध्येय वाक्य बना लिया है ।
वे मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्य के रूप में जनसेवा के पथ पर लगातार आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने अपनी राजनीति के केंद्र में सदैव जनसेवा को रखा है।
श्री भार्गव आम जनता की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं , सबकी मदद करते हैं ।यह सिलसिला पिछले लगभग 45 वर्षों से भी अधिक समय से लगातार चल रहा है ।
उनका जन्म सागर जिले की रहली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत गढ़ाकोटा शहर में 1 जुलाई 1952 को हुआ । गढ़ाकोटा में शहीद भगत सिंह वार्ड के निवासी गोपालजी बचपन से ही धार्मिक सामाजिक गतिविधियों में उत्साह के साथ सक्रिय रहे हैं ।
क्रांतिकारी विचारधारा और निर्भीकता के साथ महाविद्यालय में अध्ययन करते हुए उन्होंने मजदूरों , किसानों , बीड़ी श्रमिकों के पक्ष में जोरदार आंदोलन किए।
वे महाविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष बने ।
इसके कुछ वर्ष बाद 1982 में गढ़ाकोटा नगर पालिका के अध्यक्ष चुने गए ।
उन्होंने वर्ष 1995 में रहली विधानसभा क्षेत्र से विधायक का चुनाव लड़ा और बहुमत से जीता।
तब से लेकर आज तक साल दर साल जीत का यह सिलसिला लगातार चल रहा है।
वर्तमान में श्री भार्गव मध्यप्रदेश विधानसभा में सागर जिले के रहली विधानसभा क्षेत्र का लगातार आठवीं बार प्रतिनिधित्व कर रहे हैं ।
इस क्षेत्र के लोगों से उनके मजबूत पारिवारिक रिश्ते हैं । वे किसी भैया , किसी के दद्दा, किसी के मामा हैं और 21 हजार से ज्यादा जिन बेटियों का कन्यादान किया है, उनकी पूरी जिम्मेदारी आज भी निभा रहे हैं।
अपने गृह नगर गढ़ाकोटा , विधानसभा क्षेत्र रहली से लेकर सागर जिले और भोपाल ही नहीं बल्कि प्रदेश के अन्य गांव शहरों में भी जरूरतमंद लोगों की हमेशा मदद को तैयार रहते हैं ।
जो लोग उनके पास अपने काम के लिए आते हैं , प्रसन्नता के साथ अपना काम करवा कर वापस जाते हैं।
श्री भार्गव के दरवाजे से लोगों को कभी निराश होकर जाते नहीं देखा गया । संत समाज का आशीर्वाद भी उन्हें मिलता रहता है।
श्री भार्गव ने अपने निवास पर लोगों की मदद के लिए ऐसी व्यवस्था बना रखी है कि वह कहीं भी रहे लेकिन उनके द्वार पर आने वाले लोगों का काम जरूर हो जाता है ।
उन्होंने अब तक रहली , गढ़ाकोटा से लेकर सागर जिले के कितने बीमारों का उपचार अपने खर्च पर करवाया ?
कितने बेरोजगारों को रोजगार दिया ?
कितने गरीब परिवारों की मदद की ?
इसका जवाब उनके क्षेत्र में पंहुचने पर बहुत आसानी से मिल सकता है ।
श्री भार्गव के सहज , सरल व्यवहार के कारण उनके समर्थक मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ ही देश के अन्य राज्यों में भी फैले हुए हैं ।
समाज सेवा के क्षेत्र में श्री भार्गव ने अनेक कीर्तिमान स्थापित किए हैं जो कि अन्य जनप्रतिनिधियों के लिए आदर्श उदाहरण हैं।
उन्होंने अब तक 21 हजार से ज्यादा कन्याओं का सामूहिक विवाह किया।
कन्यादान किया और भरपूर दान दहेज देकर अपनी इन बेटियों को विदा किया ।
इतना ही नहीं श्री भार्गव के पुत्र और पुत्रियों का विवाह भी सामूहिक विवाह सम्मेलन में ही हुआ।
वे प्रतिवर्ष सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन करते हैं। जिसको गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया जा चुका है ।
श्री भार्गव ने अपने प्रयास से जो रहस मेला बरसों पहले शुरू किया , वह पूरे देश में मशहूर हो गया है ।
रहस मेला बुंदेलखंड की विविध सांस्कृतिक , संगीतमय परंपराओं से रचा हुआ ऐसा आयोजन है जिसमें दर्शक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
हर साल इस आयोजन में शामिल होने वालों की भीड़ लाखों की संख्या में होती है।
श्री भार्गव की छवि जहां उदार जनसेवक की है वहीं दूसरी और लंबे समय तक विधानसभा में मंत्री रहते हुए शासन प्रशासन पर भी उनकी मजबूत पकड़ है।
वो नौकरशाही से जनहित के काम को तत्परता पूर्वक करवाना बखूबी जानते हैं।
उन्हें बेबाक बोलने वाले राजनेता के रूप में जाना जाता है जो कि सच्ची और खरी बात कहने में कभी संकोच नहीं करते। लगभग 45 साल से ज्यादा के राजनीतिक सफर के बाद भी श्री भार्गव बेदाग और उज्ज्वल छवि के साथ जनसेवा कर रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा , उमा भारती , बाबूलाल गौर के साथ विधायक मंत्री रहे पंडित गोपाल भार्गव को लोकप्रिय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्तमान में लोक निर्माण विभाग, कुटीर , खादी ग्राम उद्योग विभाग का मुखिया बना रखा है ।
मध्य प्रदेश शासन के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने इस संवाददाता से चर्चा करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में बेहतर सड़कों का निर्माण और सुगम यातायात हमारी प्राथमिकता है।
बेहतर सड़कों के कारण हमारे प्रदेश का आर्थिक विकास तेजी से हो रहा है ।
बाधारहित आवागमन के लिए लोक निर्माण विभाग ने पिछले 4 वर्षों में 22 हजार 394 करोड़ रुपए के व्यय से 10 हजार 195 किलोमीटर की नई सड़कें , 45 नए पुल बनाए हैं ।
इसके साथ ही 5 हजार 22 करोड रुपए की लागत से 789 बड़े और मध्यम पुल , रेलवे ओवर ब्रिज , फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण किया है ।
वे कहते हैं कि प्रदेश में सड़कों सहित अन्य निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को बेहतर बनाए रखना भी हमारी प्राथमिकता है।
इसके लिए क्वालिटी कंट्रोल सेल का गठन किया गया है ।
लोक निर्माण विभाग के उच्च अधिकारी प्रदेश में लगातार निर्माण कार्यों की निगरानी करते रहते हैं।
उनके निरीक्षण में लापरवाही पाए जाने पर तत्काल अधिकारियों पर कार्यवाही भी की जा रही है ।
प्रदेश के इंदौर , भोपाल , जबलपुर , ग्वालियर , सागर में यातायात के बढ़ते दबाव को देखते हुए रिंग रोड बनाए जाने का कार्य भी प्रगति पर है ।
प्रदेश में खादी के उपयोग को बढ़ावा देने , कुटीर और हस्तशिल्प के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने के लिए भी अनेक नई योजनाओं का संचालन लगातार किया जा रहा है ।
श्री भार्गव के नेतृत्व में हस्तशिल्प , कुटीर एवम खादी ग्रामोद्योग विभाग , लोक निर्माण विभाग में जनहितकारी योजनाओं के नए आयाम स्थापित होते रहेंगे , ऐसा विश्वास है।
( लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं, संपर्क : 9424466269 )
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